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दिल्ली में ठगी : दुबई की मैडम ने देशभर में सैकड़ों लोगों से करोड़ों का किया है खेला


नई दिल्ली ।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक आपरेशंस (आइएफएसओ) द्वारा ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने के मामले में गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपितों पूछताछ में कई जानकारियां सामने आई है।

मुख्य धारा के तहत जो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उन्होंने ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी की थी। इन आरोपियों ने इंटरनेट पर एक फर्जी ट्रेडिंग पोर्टल बनाया था जिसमें वे अपनी ऑनलाइन खरीददारी सामग्री को वास्तविक बताकर लोगों से पैसे लूटते थे।

इन आरोपियों के पूछताछ से पता चला है कि वे इस ठगी के लिए बाहरी मदद लेते थे और जिन लोगों से पैसे लिए गए थे, उन्हें इंटरनेट पर उपलब्ध फेक पोर्टल के जरिए धोखा दिया गया था। इन आरोपियों को दोषी पाया गया है और वे दंगे करने और ठगी करने के आरोप में जेल भेजे जा सकते हैं।

 गिरोह का संचालन दुबई में रहने वाली एक महिला कर रही है। आरोपित उसे मैडम कह कर बुलाते हैं। महिला के निर्देश पर ही गिरोह के सदस्य काम करते हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस गिरोह में कई सदस्य फरार हैं, जिनकी कई राज्यों की पुलिस तलाश कर रही है।

महिला का गिरोह संदिग्ध होने के कारण, पुलिस अधिकारियों को उसकी गतिविधियों को जांचने की जरूरत होगी। इस गिरोह के सदस्यों की जाँच करने के लिए, पुलिस अधिकारियों को उनकी आवश्यकताओं और उनके फरार होने की जानकारी के साथ विवरण तक पता होना चाहिए।

यदि पुलिस को संदेह होता है कि महिला अनैतिक या गैरकानूनी कार्यों का संचालन कर रही है, तो उन्हें उस संदर्भ में कानूनी कार्रवाई करने की अनुमति होगी।

इस संदर्भ में, यह भी महत्वपूर्ण है कि लोगों को गिरोहों और उनकी गतिविधियों से दूर रहना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी गिरोह से जुड़ता है तो उसे कानूनी प्रक्रिया के साथ पकड़ा जा सकता है और उसे कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।

अंततः, गिरोहों और गैरकानूनी गतिविधियों से दूर रहना हमारी सभी की ज़िम्मेदारी होती है ताकि हमारा और हमारे समुदाय का सुरक्षित रह सके।

 शुरुआती जांच में सामने आ रहा है कि गिरोह द्वारा देशभर में सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दिया गया है। गिराेह के सदस्य चीनी लोन एप से भी ठगी कर चुके हैं। गिरोह का संचालन कर रही महिला की गिरफ्तारी के बाद ही पता चल सकेगा कि अब तक गिरोह द्वारा कितने लोगों और कितने रुपये की ठगी की गई है। 

आरोपित चीनी सर्वर पर आधारित एप का इस्तेमाल ठगी में करते हैं। पीड़ित के मोबाइल में एप डाउनलोड करा उसमें पीड़ित को प्रतिदिन के आधार पर मुनाफा कमाने का झांसा देते हैं। जब पीड़ित पैसे निकालने की कोशिश करता है तो उससे कर के रूप में और पैसे मांगे जाते हैं।

 पुलिस अधिकारी का कहना है इस तरह एप में मुनाफा दिखाना वह फर्जी होता है, जब पीड़ित आरोपितों के बैंक में पैसे डाल देते तो वह सीधे ठगों के पास पहुंच जाता है। चूकि एप चीनी सर्वर पर आधारित होता है ऐसे में एप के जरिये ठगों तक पहुंचाना कठिन होता है।

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