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चीन में आर्थिक संकट गहराया, लोगों के पास नौकरी नहीं : शी जिनपिंग
बीजिंग । चीन पिछले दिनों से खराब आर्थिक हालात देख रहा है। लेकिन वह इस संकट को छिपाता रहा है। पहली बार है जब राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आर्थिक संकट की बात कबूल की है। उन्होंने कहा कि चीन के बिजनेस संघर्ष कर रहे हैं और नौकरी चाहने वालों को काम खोजने में समस्या हो रही है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बात को कबूल किया। शी जिनपिंग 2013 से लगातार नए साल का संदेश दे रहे हैं। लेकिन यह पहली बार है, जब उन्होंने आर्थिक चुनौतियों का जिक्र किया।
चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जिनपिंग का बयान घटती डिमांड, बढ़ती बेरोजगारी और पस्त व्यावसायिक विश्वास के बीच आया है। जिनपिंग ने चीन के सामने आने वाली मुश्किलों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, कुछ उद्यमों के लिए यह साल मुश्किल था। कुछ लोगों को नौकरी ढूंढने और बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में कठिनाई हुई।
शी के बोलने से कुछ घंटे पहले राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) ने अपना मासिक क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) सर्वेक्षण प्रकाशित किया। एनबीएस के बयान के मुताबिक आधिकारिक मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई नवंबर महीने में 49.4 था जो दिसंबर में घटकर 49 पहुंच गया। पीएमआई का 50 से ऊपर होना विस्तार को दिखाता है।
दुनिया की फैक्ट्री का हाल खराब
चीन को दुनिया की फैक्ट्री कहा जाता है। साल 2023 इसके लिए अच्छा नहीं रहा। 2023 में चीन का विनिर्माण क्षेत्र अधिकांश समय तक कमजोर रहा। चीन की अर्थव्यवस्था इस साल कई समस्याओं से जूझ रही है, जिसमें लंबे समय तक प्रॉपर्टी में मंदी, रिकॉर्ड युवा बेरोजगारी, कमजोर कीमतें और स्थानीय सरकारों पर बढ़ता वित्तीय तनाव शामिल है। चीन लगातार हालातों को सुधारने की कोशिश में जुटा है। इसके लिए उसने कई कदम उठाए।