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नवीन शिक्षक को प्रशिक्षण देने वसूल रहा है अतिरिक्त 50_100 रुपए शिक्षा विभाग

बेरोजगारों से रोजगार के नाम पर  शिक्षा विभाग की वसूली
भोपाल । कुछ दिन पहले उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के फार्म भरे गए हैं। इसमें तीन लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। जिसके फार्म भरने के लिए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 360 व सामान्य को 660 रुपये चुकाने पड़े हैं। इसमें से स्कूल शिक्षा विभाग ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों से 50 रुपये व सामान्य से 100 रुपये लिए हैं। इतना ही नहीं, सोमवार से माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन भरे जाने हैं। इसमें भी स्कूल शिक्षा विभाग प्रति अभ्यर्थी 50 रुपये व 100 रुपये अतिरिक्त शुल्क वसूलेगा। इस तरह विभाग इन अभ्यर्थियों से नौकरी देने से पहले ही करोड़ों रुपये वसूल रहा है। यह परीक्षा मप्र कर्मचारी चयन मंडल आयोजित करेगा। जिसके हिस्से में 50 रुपये व 100 रुपये के बाद बची राशि जाएगी, जो परीक्षा शुल्क होगा। आमतौर पर मंडल पूर्व से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा आयोजित कराने के बदले यह शुल्क लेता आया है, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग पहला ऐसा विभाग है, जो मंडल के जरिए अभ्यर्थियों पर आर्थिक बोझ डाल रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि नियुक्ति होने के बाद इस राशि को नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण पर खर्च किया जाएगा।
दूसरे विभागों में भी भर्ती, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ही ले रहा अतिरिक्त शुल्क
प्रदेश के दूसरे विभागों में भी भर्ती प्रक्रिया चल रही है। मप्र कर्मचारी चयन मंडल ही उक्त प्रक्रिया को करवाता है लेकिन दूसरे विभाग अभ्यर्थियों से अतिरिक्त शुल्क नहीं ले रहे हैं। शिक्षाविद् सुनीता सक्सेना का कहना है कि हाल ही में पटवारी भर्ती के लिए फार्म भरे गए हैं लेकिन राजस्व विभाग ने अभ्यर्थियों से 50 व 100 रुपये अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया है, स्कूल शिक्षा विभाग ही शुल्क ले रहा है। उनका कहना है कि यदि राज्य सरकार शुल्क लेने को कहती तो सभी विभागों में की जाने वाली भर्ती प्रक्रिया के लिए यह लागू होता, जो कि नहीं है। स्कूल शिक्षा विभाग को अपने इस निर्णय पर पुन: विचार करना चाहिए। शासन को भी इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए।
दूसरी परीक्षा के लिए भी खाली करनी होगी जेब
सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों को इस बार दो परीक्षा से गुजरना होगा। पहले पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन करना होगा। इसके बाद भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करने होंगे। यह पहला मौका है जब अभ्यर्थियों को दो बार आवेदन करने होंगे और दोनों ही बार शुल्क भी देना होगा।
ऐसे पड़ रहा है दोगुना भार
इससे सामान्य अभ्यर्थी को आवेदन करने में 660 रुपये खर्च आ रहा है। इसमें मंडल को आवेदन करने में 500 रुपये, स्कूल शिक्षा विभाग को अतिरिक्त शुल्क 100 रुपये और पोर्टल चार्ज 60 रुपये लिया जा रहा है। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग को इस बार लाखों रुपये की आमदनी होगी। ऐसे में बेरोजगार अभ्यर्थियों पर दोगुना भार पड़ रहा है।
शिक्षक बनें या नहीं, लेकिन 1300 रुपये खर्च होना तय
इस बार शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों को दो बार परीक्षा भी देनी होगी। पात्रता परीक्षा के बाद चयन परीक्षा आयोजित की जाएगी। इससे फिर से अभ्यर्थियों को 660 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। वहीं, आरक्षित वर्ग को 360 रुपये देना पड़ रहा है, जिसमें 250 रुपये आवेदन शुल्क, 50 रुपये अतिरिक्त शुल्क और 60 रुपये पोर्टल चार्ज लिया जा रहा है। ऐसे में अभ्यर्थी का चयन होगा या नहीं, लेकिन उनके करीब 1300 रुपये खर्च हो जाएंगे।
पहले भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करने में स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता था, लेकिन इस बार दो बार परीक्षा के लिए आवेदन करने से करीब 1300 रुपये का खर्च आएगा।
 

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