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कर्मचारियों कोपहले दोहरे टैक्स की मार अब 50 हजार कर्ज का भार

भोपाल। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों पर सरकार पहले से ही केंद्र सरकार के इनकम टैक्स एवं राज्य सरकार के प्रोफेशनल टैक्स की मार लगाए हुए हैं अब मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के प्रत्येक कर्मचारी पर बाजार से कर्ज ले लेकर₹50 हजार का कर्जे का भार दे दिया है जो न्याय संगत नहीं है मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग करी है कि प्रदेश के कर्मचारियों को दोहरे टैक्स और बाजार के कर्ज के भार से मुक्त किया जाए तथा कर्मचारियों की आर्थिक एवं अनाआर्थिक मांगों को मंजूर किया जाए।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि पहले से ही सरकार प्रदेश के 10 लाख कर्मचारियों से अनुचित तरीके अपनाकर केंद्र सरकार का इनकम टैक्स और राज्य सरकार का प्रोफेशनल टैक्स की भारी-भरकम राशि वेतन से वसूल रही है वहीं वर्तमान में सरकार ने बाजार से 3,31 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेकर प्रदेश के प्रत्येक कर्मचारी को अब ₹50 हजार का कर्जदार बना दिया है कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री से मांग करी है कि सरकार प्रदेश के कर्मचारियों से दोहरा टैक्स वसूल करके कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाए वही बार-बार कर्ज लेकर प्रदेश के 10 लाख कर्मचारियों एवं 10 लाख अनियमित संवर्ग के कर्मचारियों को कर्ज का बोझ ना ला दे दूसरी तरफ सरकार जनप्रतिनिधियों के वेतन रोज बढ़ाकर लाखों रुपए कर रही है जबकि कर्मचारियों की बिना वित्तीय भार की पुरानी पेंशन योजना ओ पी एस का लाभ नहीं दे प्रदेश के कर्मचारियों का जुलाई 2019 से महंगाई भत्ते का बकाया एरियर का भुगतान करें अनियमित कर्मचारियों को नियमित करे सरकार दोहरी दोहरी नीति अपनाना बंद करें कर्मचारी हित में निर्णय ले नहीं तो प्रदेश का कर्मचारी दोहरे टैक्स मार एवं बाजारू कर्ज के भार का रोड पर आकर विरोध करेगा।
                               

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