मध्यप्रदेश के युवाओं, छात्रों एवं उद्यमियों के लिए सेंटर ऑफ़ एन्टरप्रेनुएरशिप की स्थापना एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा : अरविन्द कुमार
इंदौर । आठवां भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2022, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग एवं विज्ञान भारती द्वारा दिनांक 21 से 24 जनवरी के मध्य भोपाल में आयोजित किया जा रहा है । इसमें स्कूली एवं महाविद्यालयीन विद्यार्थी, उच्च शिक्षा शोधार्थी, वैज्ञानिक, उद्योग जगत के विशेषज्ञ शिक्षकगण एवं समाज के विभिन्न वर्ग हिस्सा ले रहे है । इस अवसर पर अरविन्द कुमार, महानिदेशक, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ़ इंडिया (एसटीपीआई)- इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), भारत सरकार ने मुख्य वक्ता के रूप में दिनांक 23 जनवरी को सम्बोधित किया । इस कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं एवं छात्रों को सम्बोधित करते हुए श्री अरविन्द कुमार ने कहा की मध्य प्रदेश में आईटी की अपार संभावनाएं है और एग्रीटेक क्षेत्र में एक सेंटर ऑफ़ एन्टरप्रेनुएरशिप (COEs) को सहभगिता आधार पर खोला जा सकता है। साथ ही उन्होंने एसटीपीआई द्वारा स्टार्टअप्स के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं जैसे NGIS और COE पर प्रकाश डाला । अरविन्द कुमार ने कहा कि स्वदेशी उत्पादों के नवाचार के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ावा देने और भारत को “आत्मनिर्भर भारत” बनाने के प्रयास में, एसटीपीआई ने अगली पीढ़ी की ऊष्मायन योजना (NGIS) को लागू किया – यह आईटी के क्षेत्र में उत्पाद विकास में काम कर रहे स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के लिए एमईआईटीवाई (MeitY) द्वारा एक योजना है, जिसमे उन्हें रु. 25 लाख तक सीड फंडिंग और अन्य कई लाभ दिए जा रहे हैं । NGIS का मुख्य उद्देश्य देश के Tier-II और Tier-III स्थानों के उद्यमियों को बढ़ावा देना है और इसलिए NGIS को 12 अलग-अलग स्थानों जैसे अगरतला, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, देहरादून, गुवाहाटी, जयपुर, प्रयागराज, मोहाली/पंचकूला/ चंडीगढ़, पटना और विजयवाड़ा में शुरू किया गया है । एनजीआईएस के तहत स्टार्ट-अप का चयन “चुनौती” नामक एक चैलेंज कार्यक्रम के माध्यम से किया जाता है । स्टार्ट-अप को दो श्रेणियों सीड-फंड और स्टायफंड (वजीफा) श्रेणियों के तहत चुना जाता है । जिन स्टार्ट-अप्स के उत्पाद अग्रिम चरणों में हैं, उन्हें 25 लाख रुपये तक की सीड फंडिंग प्रदान की जाती है, जो उन्हें अपने उत्पादों का विपणन करने और अपने स्टार्ट-अप के लिए अधिक निवेशकों को आकर्षित करने में सहायता करता है । स्टार्ट-अप जिनके विचार वर्तमान बाजार की स्थितियों के अनुसार नवीनतम पाए जाते हैं, उनके विचारों की प्रगति के आधार पर 6 महीने तक की अवधि के लिए 3 इंटर्न तक 10,000/- रुपये प्रति माह प्रति इंटर्न की राशि प्रदान की जाती है । यह स्टाइफंड स्टार्ट-अप को अपने विचारों को उत्पादों में बदलने में मदद करता हैै। अरविन्द कुमार ने आगे बताया की, भारत सरकार की के मंशा अनुसार स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लक्ष्य हेतु सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ़ इंडिया ने 22 सीओई (CoEs) की स्थापना की है | एसटीपीआई- सीओई (STPI CoE) द्वारा नवीन स्टार्ट-अप्स को सहयोग देने के लिए बुनियादी ढांचा (इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर लैब), नॉलेज एंड हैंड होल्डिंग, फंडिंग एंड इनवेस्टमेंट के अवसरों, उभर