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किसान मवेशियों को खिला रहे टमाटर, बोले- लागत, भाड़ा और मजदूरी भी नहीं निकल रही
बड़वानी । जून-जुलाई में 250 रुपए किलो तक बिकने वाला टमाटर अब फुटकर बाजार में 2 से 3 रुपए किलो पर आ गया है। टमाटर के दाम गिरने से किसानों को नुकसान हो रहा है। वे अपनी फसल मवेशियों को खिला रहे हैं।बड़वानी जिले के किसानों का कहना है कि लागत, भाड़ा और मजदूरी भी नहीं निकल पा रही। अचानक बढ़ी आवक और भारी बारिश से फसल में इल्ली लग गई है।
राजपुर विकासखंड के ग्राम सालखेड़ा के किसान रणछोड़ पटेल कहते हैं कि जिले में टमाटर एक महीने पहले 180 से 200 रुपए किलो तक बिक रहा था। दो एकड़ में टमाटर की फसल की लागत मूल्य 70 से 80 हजार आती है, लेकिन आज 2 रुपए किलो भाव मिल रहा है। हम उपज को नष्ट करने के लिए मजबूर हैं।
किसान टमाटर तोडक़र खेत में फेंक रहे
सालखेड़ा गांव के किसान कुंवरसिंह ने बताया, ढाई बीघा जमीन पर 2 लाख रुपए खर्च कर टमाटर की फसल लगाई थी। उम्मीद थी कि इस बार भाव अच्छा आएगा तो मुनाफा ठीक-ठाक हो जाएगा, लेकिन मौसम की मार ऐसी पड़ी कि लागत निकालना मुश्किल हो गया है। अगर टमाटर 20 रुपए किलो बिकता तो सिर्फ लागत निकलती। अब इन्हें तोडक़र खेत में ही फेंक रहे हैं, ताकि मिट्टी को अगली फसल के लिए उपजाऊ बना सकें।
सरकार की अनदेखी से किसान मायूस है
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष मंशाराम पंचोले ने बताया कि गांव में एक किसान ने 3 बीघा में टमाटर बोया था, लेकिन अब खुद अपने हाथों से अपनी फसल को तोडक़र खेतों में फेंक रहा है। किसान अपनी 3 बीघा जमीन में ढाई लाख रुपए खर्च कर फसल लगाई थी, लेकिन सब बर्बाद हो गया। ऊपर से सरकार की अनदेखी ने किसानों को मायूस कर दिया है।