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खाद्यान्न गबन: शासकीय उचित मूल्य दुकान विक्रेता के विरुद्ध FIR दर्ज

258.60 क्विंटल, चावल 142.36 क्विंटल, नमक- 5.99 क्विंटल खाद्यान्न मात्रा का गबन पाया गया

झाबुआ । जिले के थान्दला जनपद अंतर्गत आने वाली आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित खवासा द्वारा संचालित एक शासकीय उचित मूल्य दुकान विक्रेता के विरुद्ध खाद्यान्न गबन मामले में थाना थांदला में एफआईआर दर्ज कराई गई है। मिली जानकारी अनुसार शासकीय उचित मूल्य की दुकान विक्रेता द्वारा पीओएस मशीन के स्टॉक अनुसार खाद्यान्न नहीं दिया जाकर भारी मात्रा में खाद्यान्न का गबन करना पाया जाने पर उसे विक्रेता पद से हटाकर मामला अनुविभागीय दंडाधिकारी थान्दला के संज्ञान में लाया गया था। एसडीएम के निर्देश पर विक्रेता के विरुद्ध थाना थांदला में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी थांदला, सुरेश तोमर ने खाद्यान्न गबन मामले में दी गई जानकारी में बताया कि आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित खवासा द्वारा संचालित ग्राम नारेला स्थित शासकीय उचित मूल्य की दुकान विक्रेता ओमप्रकाश परमार द्वारा पीओएस मशीन के स्टॉक अनुसार खाद्यान्न नहीं दिया जाकर भारी मात्रा में खाद्यान्न का गबन करना पाया जाने पर उसे विक्रेता पद से हटा दिया गया, ओर मामला अनुविभागीय दंडाधिकारी थान्दला के संज्ञान में लाया गया, ओर मामले में एसडीएम के निर्देश पर विक्रेता के विरुद्ध थाना थांदला में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
तोमर के अनुसार ओमप्रकाश परमार द्वारा गेहूं- 258.60 क्विंटल, चावल 142.36 क्विंटल, नमक- 5.99 क्विंटल खाद्यान्न मात्रा का व्य़पवर्तन (गबन) किया जाना पाया गया था। विक्रेता द्वारा म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कण्डिका का उल्लंघन किया गया, जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 एवं 7 के अधीन दण्डनीय अपराध होने से अनुविभागीय दंडाधिकारी थांदला तरुण जैन के निर्देशानुसार आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित खवासा द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान नारेला के पूर्व विक्रेता के विरुद्ध खाद्यान्न गबन मामले में थाना थांदला में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
प्रकरण के संबंध में जानकारी में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस थांदला रवीन्द्र राठी ने बताया कि कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकान विक्रेता के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उस रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। कोर्ट के आदेश मिलने के बाद उक्त मामले में गिरफ्तारी की जाएगी।

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