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सास इंदिरा की राह पर सोनिया, राज्यसभा में जाने वाली नेहरू-गांधी परिवार की दूसरी सदस्य
नई दिल्ली । रायबरेली उत्तर प्रदेश की प्रमुख लोकसभा सीटों में से एक है। रायबरेली की सीट को भारत की राजनीति में नेहरू-गांधी परिवार का मजबूत किला माना जाता है। 1952 में फिरोज गांधी पहली बार रायबरेली से जीतकर संसद पहुंचे। इंदिरा भी यहां से चुनाव जीत चुकी हैं। जबकि सोनिया गांधी ने 2004, 2009, 2014 और 2019 में रायबरेली लोकसभा सीट जीती। 2024 में रायबरेली का प्रतिनिधित्व कौन सा राजनेता करेगा?
उधर सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन पत्र भर दिया है। इसके साथ ही सोनिया, गांधी-नेहरू परिवार से दूसरी ऐसी सदस्य होंगी जो संसद के उच्च सदन जा रही हैं। इसके पहले देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ही राज्यसभा गई हैं। राज्यसभा का रास्ता चुनकर सोनिया ने अपनी सास इंदिरा गांधी का तरीका अख्तियार करने का फैसला किया है। सोनिया अपनी परंपरागत सीट रायबरेली, जहां से वे 2004 से सांसद हैं, कि बजाय राज्यसभा से संसद जा रही हैं। कांग्रेस पार्टी ने ये फैसला तब लिया है जब अगले लोकसभा चुनाव की घोषणा में एक महीने से भी कम का समय रह गया है। इंदिरा गांधी 1964 से 1967 तक राज्यसभा की सदस्य रहीं। अब इंदिरा के बाद सोनिया गांधी-नेहरू परिवार की दूसरी सदस्य होंगी जो उच्च सदन में प्रवेश लेने जा रही हैं।
बता दें कि 1964 में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद इंदिरा अगस्त 1964 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुनी गई थीं। इंदिरा फरवरी 1967 तक राज्यसभा की सदस्य रहीं। तब इंदिरा तत्कालीन पीएम लाल बहादुर शास्त्री की कैबिनेट में बतौर सूचना और प्रसारण मंत्री शामिल हुई थीं। 1966 की शुरुआत में जब पूर्व पीएम शास्त्री की मृत्यु हो गई, तब कांग्रेस पार्टी में संसदीय दल के नेता का चुनाव हुआ। इस चुनाव में इंदिरा ने अपने प्रतिद्वंदी मोरारजी देसाई को शिकस्त दी। इसके बाद उन्होंने देश की बागडोर संभाली और भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। रायबरेली सीट से इंदिरा की कहानी उतार-चढ़ाव की है। इंदिरा गांधी ने 1967, 1971 और 1980 में रायबरेली सीट जीती। 1980 में, उन्होंने रायबरेली और अविभाजित आंध्र प्रदेश के मेडक से चुनाव लड़ा। उन्हें दोनों ही स्थानों पर जीत मिली। लेकिन वे मेडक सीट से सांसद बनीं और रायबरेली सीट छोड़ दी। इसके पहले राजनारायण ने 1977 में रायबरेली में इंदिरा गांधी को हराया था। इंदिरा ने 1978 में चिकमंगलुरु उपचुनाव जीता जीता था।
इस बीच अब चर्चा ये है कि लोकसभा चुनाव में नहीं उतरने का फैसला करने के बाद रायबरेली में उनकी जगह कौन लेगा? पार्टी के अंदर उनकी बेटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बारे में चर्चा है, जो संभवत: संसदीय चुनाव में रायबरेली से उतर सकती हैं।