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उच्च न्यायालय के निर्णय का वन कर्मचारियों ने किया स्वागत

भोपाल। वन विभाग के कार्यपालिका अधिकारी और कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी भारत निर्वाचन आयोग ने बुधवार को अंडरटेकिंग हाई कोर्ट में दे दी है मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ व न्यायाधीश विशाल मिश्रा की यूगल पीठ ने इसे रिकॉर्ड में लेते हुए संगठन की चुनाव याचिका का बुधवार को निराकरण कर दिया है संगठन के वकील अंकित मिश्रा ने अपनी याचिका में बताया था कि मैदानी हमले की बहुत कमी है यह भी दलील दी गई थी कि ग्रीष्म ऋतु में वनों में अग्नि घटना सहित अन्य घटनाएं बढ़ जाती है ऐसे में स्टाफ की जरूरत ज्यादा होती है आयोग के नियम होने के बाद चुनाव ड्यूटी जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा लगाई जा रही है सरकार से कई बार पत्राचार किया गया लेकिन कोई हल नहीं निकला है उच्च न्यायालय को निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने बताया की चुनाव ड्यूटी में मैदानी अमले को छूट है अब आयोग की गाइड लाइन के अनुसार ही ड्यूटी लगाई जाएगी उच्च न्यायालय के निर्णय का मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के अशोक पांडे हरि सिंह गुर्जर लव प्रकाश पाराशर दीपक गुर्जर प्रेमलाल त्रिपाठी राकेश वर्मा सुरेश त्रिपाठी रामबाबू सोनी राजकुमार शुक्ला सत्येंद्र पांडे चांद सिंह भगवान दास बिल्लू रे श्याम लाल विश्वकर्मा आदि ने स्वागत किया है।
मध्य प्रदेश वन कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि मध्य प्रदेश के 23 000 कार्यपालिक वन कर्मचारियों की निर्वाचन आयोग के छूठ के नियम होने के बाद भी जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा चुनाव ड्यूटी लगा दी जाती थी जिस कारण वनहानि होती थी जंगलों में शिकार होते थे अतिक्रमण होते थे वन माफिया बेखोफ होकर वनों की कटाई करते थे चुनाव ड्यूटी लगने के कारण जंगल की सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ जाती थी अब चुनाव आयोग के हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग देने के बाद कार्यपालिका वन कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर जरूर मुक्त रखेंगे ।
                          

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