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हर घर पहुंचा H3N2, फेफड़े प्रभावित कर रहा ये वायरस, नौजवानों पर 20-25 दिन तक असर

दिल्ली । एच1एन1 यानी स्वाइन फ्लू के बदले स्वरूप को एच3एन2 वायरस का नाम दिया गया है। ऐसे में इसकी जांच में भी कोरोना की तरह ही शुरुआती मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
सर्दी, खांसी के साथ पेट-गला और बुखार की समस्या सामान्य सर्दी के वायरस के बदले हुए स्वरूप की देन है। कोरोना की तरह श्वास से फैलने वाला यह वायरस तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। इस वायरस से कई मरीजों के फेफड़े भी प्रभावित हो रहे हैं। नागरिक अस्पताल में एक दिन में औसतन 350 से 400 के बीच मरीज संक्रमण जैसे लक्षणों के साथ पहुंच रहे हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भर्ती गंभीर श्रेणी के मरीजों के लिए जांच अनिवार्य कर दी है। हालांकि लक्षण ग्रस्त सभी संदिग्धों के लिए जांच अभी तक अनिवार्य नहीं की गई है।
एच1एन1 यानी स्वाइन फ्लू के बदले स्वरूप को एच3एन2 वायरस का नाम दिया गया है। ऐसे में इसकी जांच में भी कोरोना की तरह ही शुरुआती मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। समस्या के समाधान के लिए जिले में इसका वैकल्पिक तरीका अपनाया जा रहा है। जिला स्वास्थ्य विभाग एच1एन1 वायरस यानी स्वाइन फ्लू की जांच किट से एच3एन2 के संदिग्धों की जांच करने में जुटा है। हालांकि यह किट नए वायरस की पुष्टि करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में इन्फ्लूएंजा यानी फ्लू की भी जांच साथ में की जा रही है। फ्लू संक्रमण की पुष्टि के बाद एच1एन1 नेगेटिव मामलों को एच3एन2 संक्रमण का शिकार माना जा रहा है। हालांकि जिले में ऐसे किसी मामले की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।
एच3एन2 से पीड़ित में 20 से 25 दिन तक लक्षण दिखाई दे रहे हैं। शरीर में पहले से मौजूद रोग प्रतिरक्षी इस नए स्वरूप से लड़ने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में मरीज को स्वस्थ होने में लंबा समय लग रहा है।
कई मरीजों के फेफड़े हो रहे प्रभावित
ईएसआईसी मेडिकल अस्पताल के डिप्टी डीन डॉ. एके पांडेय ने बताया कि इस वायरस से कई मरीजों के फेफड़े भी प्रभावित हो रहे हैं। बुजुर्ग, बच्चे भी इस तरह के खतरे की लाइन पर हैं। एहतियात के तौर पर मास्क लगाकर कोरोना की तरह इससे बचाव करने का प्राथमिक उपाय अपनाया जा सकता है।
आरटी पीसीआर का अलग पैनल करता है जांच
कोरोना वायरस की जांच के लिए स्थापित की गई आरटी पीसीआर लैब से एच3एन2 की जांच संभव नहीं हो पा रही। इसके लिए एक अलग पैनल की आवश्यकता पड़ रही है। ऐसे में नए स्वरूप के साथ नए संसाधनों की जरूरत दिखाई दे रही है। फिलहाल दिल्ली में इसके सैंपल भेजे जा रहे हैं।
फरीदाबाद में पहले मामले की पुष्टि
गुरुग्राम से सटे फरीदाबाद में एच3एन2 के पहले मामले की पुष्टि हो गई है। इसके अलावा दो संदिग्ध मामले भी जांच रिपोर्ट के इंतजार में हैं। इधर, गुरुग्राम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीरेंद्र यादव ने जिले में किसी भी मामले की पुष्टि नहीं की है। उनका कहना है कि करीब 20 मामलों की जांच की गई। अब तक किसी भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है। एच3एन 2 के लिए केवल तृतीय श्रेणी के भर्ती दीर्घकालीन मरीजों की ही जांच की जा रही है।

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