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हर्बोकेम का मानसिक स्वास्थ्य पर अश्वगंधा के असर को लेकर अभूतपूर्व शोध का खुलासा

नई दिल्ली ।  हर्बल और प्राकृतिक उत्पादों के क्षेत्र में लगभग 50 वर्षों के औद्योगिक कौशल की बदौलत मार्गदर्शक बन चुकी हर्बोकेम ने, अश्वगंधा के मानसिक स्वास्थ्य लाभों को लेकर गर्व के साथ एक खोजपूर्ण शोध-अध्ययन की घोषणा की है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च इन मेडिकल साइंसेज में प्रकाशित यह महत्वपूर्ण शोध-अध्ययन अश्वगंधा की प्रभाव क्षमता को हाईलाइट करता है। आयुर्वेद की पारंपरिक पद्धतियों में गहरी जड़ें रखने वाली प्राचीन औषधीय जड़ी बूटी के रूप में, अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा) सदियों से भारत में सर्वांगीण कल्याण की आधारशिला रही है। एडाप्टोजेन के रूप में पहचानी गई अश्वगंधा, शरीर के अंदर तनाव का प्रबंधन करने और समग्र संतुलन बनाने में बेहद अहम भूमिका निभाती है। यह शोध अश्वगंधा के एडाप्टोजेनिक, तनावरोधी, चिंतारोधी और अवसादरोधी गुणों को रेखांकित करता है। अश्वगंधा वैश्विक स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य विकारों के बढ़ते जाने के साथ, खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान, अवसाद, तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसे विकारों के लक्षण घटाने का एक कारगर समाधान बन कर उभरी है।
आमने-सामने की तुलना में, यह अध्ययन अश्वगंधा के दो ब्रांडों पर केंद्रित है: हर्बोकेम +91 (500 मिग्रा कैप्सूल) और किसी अन्य मशहूर ब्रांड के 600 मिग्रा कैप्सूल। अपने एडाप्टोजेनिक और अवसादरोधी गुणों के लिए प्रसिद्ध अश्वगंधा ने मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण घटाने में उल्लेखनीय प्रभावोत्पादकता दिखाई है। इस शोध से अश्वगंधा 500 मिलीग्राम कैप्सूल की प्रभावोत्पादकता और सुरक्षा के बारे में गजब की अंतर्दृष्टियों का पता चला। विवेच्य समूह की तुलना में अश्वगंधा 500 मिलीग्राम ने अनुमानित तनाव सीमा, हैमिल्टन के डिप्रेसन स्केल स्कोर और बेक के एंजायटी इन्वेंटरी स्कोर में काफी अधिक कमी प्रदर्शित की। यह शोध-अध्ययन स्थापित कर देता है कि अश्वगंधा 500 मिलीग्राम की इष्टतम खुराक ने अश्वगंधा 600 मिलीग्राम के मुकाबले मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण घटाने में बेहतर प्रभावोत्पादकता दिखाई है।
यह शोध-अध्ययन, शिवाजी यूनिवर्सिटी, कोल्हापुर, महाराष्ट्र के जैव रसायन विभाग, वीआईवी फॉरएवर एस्थेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र तथा वक्रतुंड हॉस्पिटल, नासिक, महाराष्ट्र के क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट सहित कई जाने-माने संस्थानों द्वारा किया गया एक सहभागिता वाला प्रयास है, जो मानसिक स्वास्थ्य विकारों, खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकारों में आई वैश्विक बाढ़ पर प्रकाश डालता है। शोध-अध्ययन में अवसाद, तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसे विकारों के प्रचलित लक्षणों पर जोर दिया गया है, जो कारगर समाधानों की गंभीर जरूरत को रेखांकित करता है।
हर्बोकेम के पार्टनर श्री कार्तिक कोंडेपुडी का कहना है- “यह अध्ययन अभिनव, प्रभावी और सुरक्षित समाधान प्रदान करने की दिशा में हर्बोकेम के समर्पण की पुष्टि करता है, जो एक सेहतमंद दुनिया बनाने में योगदान देते हों। हर्बोकेम में, हमारी प्रतिबद्धता विनिर्माण से आगे तक फैली हुई है। हम ऐसे उत्पाद तैयार करने के लिए समर्पित हैं जो न केवल गुणवत्ता के उच्चतम मानकों पर खरे उतरते हैं, बल्कि व्यक्तियों की भलाई पर भी सार्थक प्रभाव डालते हैं।”
हर्बोकेम का +91 अश्वगंधा आयुर्वेद के सर्वांगीण स्वास्थ्य दृष्टिकोण का प्रतिमान बनकर खड़ा है। पूर्ण-स्पेक्ट्रम वाला यह मानकीकृत अर्क, अपनी निष्कर्षण तकनीक में अद्वितीय है। इसमें न केवल सक्रिय यौगिकों को कैप्चर किया गया है, बल्कि पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे गुणकारी सूक्ष्म-पोषक तत्व भी कूट-कूट कर भरे हुए हैं। ये तत्व तनाव को कम करने और गहरी नींद लाने में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं, जिससे +91 अश्वगंधा® सर्वांगीण कल्याण का एक विशिष्ट और व्यापक समाधान बन जाता है।

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