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धरती तेजी से घूमने लगे, तो बदल जाएगा काफी कुछ
इंसान-घर रहेंगे या उड़ जाएंगे
नई दिल्ली । कभी आपने सोचा है कि क्या हो अगर धरती दोगुनी रफ्तार से घूमने लगे? यहां मौजूद इंसानों-जानवरों का क्या होगा? मकान, पेड़-पौधे बचेंगे या उड़ जाएंगे? धरती अपने अक्ष पर 1,670 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से घूमती है। यह समय-समय पर अपनी गति भी बदलती रहती है। नासा के खगोलशास्त्री स्टेन ओडेनवाल्ड ने कहा, अगर धरती तेजी से घूमने लगे, तो काफी कुछ बदल जाएगा। सिर्फ एक मील प्रतिघंटे स्पीड बढ़ जाए तो समुद्र का पानी अपने तटों से काफी दूर चला जाएगा। भूमध्य रेखा के आसपास पानी का स्तर कई इंच बढ़ जाएगा। भू वैज्ञानिक विटोल्ड फ्रैज़ेक के मुताबिक, हमारे कुछ उपग्रह ऑफ-ट्रैक हो जाएंगे क्योंकि अभी ये धरती की गति से मैपिंग किए गए हैं। अगर ये ग्रह भटके तो धरती पर उपग्रह संचार, टेलीविजन प्रसारण, सैन्य और खुफिया गतिविधियों का संचालन ठप हो जाएगा। कुछ अजीब चीजें भी होंगी। धरती का गुरुत्वाकर्षण आपको जमीन से बांधे रखता है, लेकिन धरती तेजी से घूमने लगे तो पृथ्वी की परिक्रमा से निकलने वाला केंद्रप्रसारक बल बढ़ जाएगा। इससे आपका वजन अगर 68 किलो है तो एक किलो घटकर 67 किलो हो जाएगा। अगर धरती घूमने की गति 1,670 की जगह 28,390 हो जाए तो इंसान पूरी तरह भारहीन हो जाएगा। वह उड़ता हुआ नजर आएगा।विटोल्ड फ्रैज़ेक के मुताबिक, पृथ्वी जितनी तेजी से घूमेगी, दिन उतने ही छोटे हो जाएंगे। 1 मील प्रति घंटे की गति में वृद्धि के साथ, दिन केवल डेढ़ मिनट छोटा होगा। अगर लाखों वर्षों में धरती की गति धीरे-धीरे बढ़ी, तो इंसान खुद इससे निपटने में अभ्यस्त हो जाएगा। एक और खास बात, अगर धरती के घूमने की गति तेज हो जाए तो यह वायुमंडल को अपने साथ ले जाएगी। तूफान और तेजी से आएंगे और उनमें ज्यादा ताकत होगी। इसलिए विनाशकारी भी ज्यादा होंगे। धरती का बहुत सारा हिस्सा समुद्र में डूब जाएगा। ऊंचे पहाड़ों, जैसे किलिमंजारो या एंडीज़ की सबसे ऊंची चोटियों को छोड़कर सबकुछ पानी में डूबा मिलेगा।फ्रैजेक के मुताबिक, अगर धरती की रफ्तार तेज हो जाए तो चारों ओर भूकंप से तबाही मचेगी। अगर 24,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार हो जाए तो हजारों वर्षों में पृथ्वी पपड़ी में बदल जाएगी। ध्रुवों पर काफी चपटी हो जाएगी। बहुत बड़े भूकंप आएंगेः टेक्टॉनिक प्लेटें तेजी से हिलेंगी और यह दुनिया पर जीवन के लिए विनाशकारी होगा। लेकिन ऐसा कब हो सकता है? फ्रैजेक के मुताबिक, यदि भूकंप जमीन का थोड़ा सा हिस्सा निगल ले तो ऐसा संभव है। या फिर ग्लेशियर पिघलकर नष्ट हो जाएं तो गति में बदलाव हो सकता है। लेकिन यह इतना ज्यादा नहीं होगा कि धरती की गति अचानक दोगुनी हो जाए। मालूम हो कि धरती अपने अक्ष पर 1,670 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से घूमती है। यह समय-समय पर अपनी गति भी बदलती रहती है। जैसे इस साल गर्मी के महीनों में इसकी गति 1.59 मिलीसेकंड कम हो गई थी। इसकी वजह से 29 जून को सबसे छोटा दिन रिकॉर्ड किया गया। लेकिन यह इतना कम था कि इंसानों को पता ही नहीं चला।