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नापतौल विभाग का मामला : सेवानिवृत्त अधिकारी लाइसेंसी को दे रहा नोटिस भेजने की धमकी

भोपाल । मध्य प्रदेश नापतौल विभाग में एक कर्मचारी के फोन से सेवानिवृत्त अधिकारी के लाइसेंसी को नोटिस भेजने की धमकी देने मामला सामने आया है। इसका ऑडियो वायरल हो रहा है। इस मामले में विभाग के अधिकारी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कह रहे है। वहीं, कर्मचारी संगठन का आरोप है कि नापतौल विभाग के कर्मचारी से सेवानिवृत्त अधिकारी साठंगाठ कर लाइसेंसियों को डरा धमका रहे है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही 15 दिन में कार्रवाई नहीं होने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
विभाग से नापतौल कांटों के सुधारक एवं तौल यंत्रों के विक्रेताओं को मॉडल एप्रुअवल के जारी करना और अभियोजन के निराकरण का कार्य किया जाता है। इसका काम अनुज्ञप्ति एवं अभियोजन शाखा से होता है। इसका प्रभार सहायक ग्रेड 3 विनोद ठाकुर के पास है। अप्रैल 2022 में उप नियंत्रक के पद से सेवानिवृत्त आरके द्विवेदी ने विनोद ठाकुर के फोन से 1 मार्च 2023 को एक लाइसेंस धारी को फोन किया। जिसमें द्विवेदी लाइसेंस धारी को नापतौप मुख्यालय से बात करने और मॉडल एप्रुवल नहीं लेने पर धमकी भरें अंदाज में लेटर जारी करने की बात कह रहे है। इसकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की गई है। सवाल यह है कि आरके द्विवेदी ने विनोद ठाकुर का फोन क्यों इस्तेमाल किया? द्विवेदी के पास नापतौल विभाग में जमा दस्तावेज कैसे पहुंचे?
मिलीभगत से हो रहा भ्रष्टाचार
नापतौल विभाग के कर्मचारी और तृतीव वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी ने कहा कि यहां मिलीभगत से भ्रष्टाचार किया जा रहा है। नापतौल विभाग के नाम पर सेवानिवृत्त् अधिकारी नोटिस देने की धमकी दे रहा है। इस तरह की गतिविधियों से विभाग की छवि खराब हो रही है। जिससे दूसरे कर्मचारी अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे है। यदि इस मामले में 15 दिन में दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती है तो मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। 
 
दोषियों के खिलाफ करेंगे कार्रवाई
नापतौल विभाग के नियंत्रक कैलाश बुंदेला ने कहा कि हमारे संज्ञान में मामला आया है। इस मामले की जांच कराएंगे। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
 
किससे बात की मुझे जानकारी नहीं
सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी विनोद ठाकुर ने कहा कि मैं आरके द्विवेदी से मिलने गया था। उनके पास कंसल्टेंसी चलाने वाले कुछ लोग आए थे। उनके कागज के आधार पर उन्होंने मेरे फोन से किसी से बात की। मैंने उनको कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराएं।

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