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घुघरा में तीन हॉस्टल, तीनों में अधीक्षक नही करते विश्राम, भगवान भरोसे डरे सहमे रात गुजारते है छात्र

हॉस्टल व्यवस्था के हाल इस समय बत्तर स्तिथी में

-प्राइवेट कर्मचारी के भरोसे हॉस्टल

कटनी । जिला मुख्यालय से लगभग 15 किमी.की दूरी पर स्तिथ ग्राम घुघरा है। जो स्व. बच्चन नायक के सपनो की नगरी भी कहा जाता है। उन्होंने अपने कार्यकाल में ग्राम घुघरा को अनेकों उपलब्धिया मुहैया कराई थी। जहां आज भी एक छोटे से ग्राम में स्वास्थ्य केंद्र, हायर सेकंडरी स्कूल, आश्रम व छात्रावास मौजूद है। गरीब आदिवासीयो को बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य का लाभ मिल सके उसके लिए भरकस प्रयाश किये गए थे, जो आज भी गवाह है।
छात्रो को बेहतर शिक्षा व छात्रावासों में रहकर नि: शुल्क शिक्षा प्राप्त हो उसके लिए बालक एवं बालिका छात्रावासो की स्थापना की गई थी,किंतु उन्ही छात्रावासों की छात्र व्यवस्था के हाल इस समय बत्तर स्तिथी में है।छात्रावासों में पदस्थ अधीक्षको की मनमानी एवं जिला संयोजक की उदासीनता की वजह से छात्रों की रुचियां छात्रावासों में निवास कर पढ़ाई करने में कम हो गई है।प्रतिवर्ष दर्जनों से अधिक सीटें रिक्त पड़ी रहती है।मौजूदा हालात भी यही है जहाँ एक जूनियर बालक आश्रम, सीनियर जनजाति बालिका छात्रावास एवं बालक छात्रावास मौजूद है। गौरतलब है कि तीनों जगह अलग अलग अधीक्षक पदस्थ है जो कोई भी रात्रिकालीन विश्राम नही करते है। रात्रि में प्राइवेट कर्मचारी के भरोसे देख रेख हेतु छोड़ दिया जाता है,जिससे कई बार अप्रिय घटनाएं भी घटित हो चुकी है।

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