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ज्ञानतीर्थ सप्रे संग्रहालय की नवीनीकृत वेबसाइट का लोकार्पण

धरोहरों को सहेजकर नई तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं संग्रहालय: विधानसभा अध्यक्ष

भोपाल। ज्ञानतीर्थ सप्रे संग्रहालय में उपलब्ध सामग्री का अवलोकन देश-विदेश में किया जा सकता है। संग्रहालय की नवीनीकृत वेबसाइट तथा संग्रहालय की पत्रिका आंचलिक पत्रकार के 500 वे अंक का लोकार्पण शुक्रवार को समारोहपूर्वक हुआ। संग्रहालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के मुख्यअतिथि विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र ङ्क्षसह तोमर थे, अध्यक्षता मानव संग्रहालय के निदेशक डॉ. अमिताभ पांडेय कर रहे थे। विशेष अतिथि के रूप में मप्र राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखदेव प्रसाद उपस्थित रहे।
 इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधानसा अध्यक्ष नरेंद्रसिंह तोमर ने कहा कि संग्रहालय वह जगह होती है जहां हम हमारी विरासत को संजोकर रखते हैं, जिसका लाभ नई पीढ़ी उठाती है। इस तरह से देखा जाये तो संग्रहालय बहुत ही महत्वपूर्ण जगह होती है, लेकिन इसका महत्व वही व्यक्ति समझ सकता है जिसे इस बात का अहसास हो गया हो कि हमारे पास अभी जो वस्तु है,इसे भावी पीढ़ी के लिए सहेज कर रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जैसा सुनने में आता है कि सप्रे संग्रहालय में रखी सामग्री का उपयोग कई शोधार्थी कर चुके हैं तो महसूस होता है कि सप्रे संग्रहालय ने एक महत्वपूर्ण मकाम हासिल किया है। इसके लिए उन्होंने संग्रहालय के संस्थापक निदेशक विजयदत्त श्रीधर और उनकी पूरी टीम को बधाई दी। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. अमिताभ पांडेय ने कहा कि संग्रहालय की वेबसाइट बन जाने से अब यह संग्रहालय सीमाओं के बंधन से मुक्त हो गया है। यहां रखी सामग्री का लाभ देश-विदेश के शोधार्थी उठा सकते हैं। कार्यक्रम के विशेष अतिथि सुखदेव प्रसाद दुबे ने कहा कि बीते सालों में भोपाल का परिदृश्य बदला है। इस शहर के सांस्कृतिक परिदृश्य को बदलने में जिन चार संस्थाओं ने भूमिका निभाई है, उसमें सप्रे संग्रहालय की अग्रणी भूमिका रही है। 
 आरंभ में संग्रहालय के संस्थापक निदेशक विजयदत्त श्रीधर ने स्वागत् वक्तव्य देते हुए बताया कि नवीनीकृत वेबसाइट के माध्यम से पत्रकारिता,जनसंचार,विज्ञान संचार तथा मानविकी से जुड़े विषयों पर रुचि रखने वाले या शोध करने वाले शोधार्थियों को उपयोगी जानकारी मिल सकेगी। इसके साथ ही संग्रहालय में उपलब्ध दुर्लभ सामग्रियों की जानकारी सहजता से मिल सकेगी। वेबसाइट में वर्ष 1984 से लेकर दिसंबर 2023 तक की संग्रहीत संदर्भ सामग्री की विस्तृत सूची उपलब्ध है। इस तरह वेबसाइट पर संग्रहालय से जुड़ी सभी सामग्रियों की जानकारी उपलब्ध है, जिसका लाभ शोधार्थी या अध्येता सहजता से प्राप्त कर सकेंगे। श्रीधर ने बताया कि आंचलिक पत्रकार वर्ष 1981 से लगातार प्रकाशित हो रहा है। यह पत्रिका भी पत्रकारिता,जनसंचार और विज्ञान संचार की शोध पत्रिका है। इसके पूर्व संग्रहालय की ओर से अतिथियों का स्वागत् वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल,डॉ. राकेश पाठक, डॉ. अल्पना त्रिवेदी ने शॉल,श्रीफल और कलम भेंट कर किया। इस अवसर पर वेबसाइट का निर्माण करने वाले पीयूष नेमा को भी अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन संग्रहालय की निदेशक डॉ. मंगला अनुजा ने किया। इस अवसर पर शहर के प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

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