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16 जनवरी से अनिश्चितकालीन गेवरा खदान बंदी का किया गया ऐलान

मुआवजा पाने सात साल से भटक रहे 91 परिवार

कोरबा । कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में कोयला उत्पादन के लिए जमीन देने वाले किसान वर्षों से मुआवजा पाने कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, इसके बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं मिल रहा है। जिसे लेकर उनका आक्रोश भडक़ उठा है। आक्रोशित ग्रामीणों ने आंदोलन का मन बना लिया है। जिसे लेकर उन्होंने पाली एसडीएम और गेवरा महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा है।
आरोप लगाते हुए बताया जा रहा हैं की एसईसीएल गेवरा क्षेत्र अंतर्गत आमगांव के आश्रित मोहल्ला दर्राखाँचा, जोकाही डबरी के परिसंपत्तियो, मकानों की मुआवजा का भुगतान पिछले 7 सालों से लटका है। प्रबंधन और जिला प्रशासन के बीच फाइल इधर से उधर घूम रही है। इस बीच परिसंपत्तियो का मूल्यांकन करने वाले राजस्व अधिकारी और प्रबंधन के अफसरों का ट्रांसफर भी हो चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि भुगतान का भरोसा मिल जाने के कारण मकानों को ध्वस्त किया जा चुका है। वर्तमान तहसीलदार मौके पर मकान नहीं होने का हवाला देकर अपने हाथ खड़े कर चुके हैं, जिसके कारण 91 परिवार मुआवजा से वंचित हो रहे हैं। ऊजार्धानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के बैनर तले पाली एसडीएम और गेवरा महाप्रबंधक के कार्यलय में प्रदर्शन कर 5 सूत्रीय मांग पत्र के साथ 16 जनवरी से खदान में अनिश्चित कालीन आंदोलन की चेतावनी दी गयी है।

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