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अदाणी ग्रुप के कच्छ कॉपर लिमिटेड के शुरू होने से 80% तक बढ़ जाएगी भारत की कॉपर प्रोडक्शन कैपेसिटी

मुंबई । अदाणी ग्रुप के कच्छ कॉपर लिमिटेड के शुरू होने से भारत की कॉपर प्रोडक्शन कैपेसिटी 80% बढ़ जाएगी। कच्छ कॉपर की सालाना क्षमता 5 लाख टन है। बता दें पहले ही पनामा में एक बड़ी खान बंद होने से कॉपर कंसंट्रेट की सप्लाई कम है।

तांबे के उत्पादन में चीन के साथ-साथ भारत भी अपनी क्षमता बढ़ा रहा है। तेजी से हो रही प्रोडक्शन ग्रोथ के चलते मुनाफे पर असर पड़ रहा है। चीन में कॉपर स्मेलटर्स जितना पैसा ले रहे थे, 2024 में पहली बार उसमें कटौती हो रही है, क्योंकि उनकी क्षमता, अयस्क की आपूर्ति से ज्यादा हो रही है।
भारत का कॉपर कंसंट्रेट इंपोर्ट 2024 में 2 मिलियन तक बढ़ सकता है, जबकि इस साल इसके 1.3 मिलियन टन रहने का अनुमान था।
भारत अपनी जरूरत के अयस्क का 90% तक आयात करता है, ज्यादातर अयस्क दक्षिण अमेरिका से आता है। अदाणी का कॉपर एक्सपेंशन तब हो रहा है, जब तमिलनाडु में बंद पड़े 4,00,000 टन कैपेसिटी वाले वेदांता के प्लांट को दोबारा खोलने की कानूनी कार्रवाई चल रही है। फिलहाल देश का सबसे बड़ा कॉपर स्मेलटर हिंडाल्को इंडस्ट्रीज ऑपरेट करती है, जिसकी क्षमता 5,00,000 टन है।
मूडीज इन्वेस्टर सर्विस से संबंधित ICRA के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट जयंत रॉय कहते हैं, ऑपरेशंस के पहले साल में अदाणी स्मेल्टर 1 मिलियन टन ओवरसीज कॉपर कंसंट्रेट की खपत कर सकता है। भारत का आयात 2।6 मिलियन टन तक हो सकता है।
यही नहीं आगे आयात ज्यादा बढ़ सकता है, क्योंकि कंपनी की भविष्य में इस स्मेलटर की क्षमता दोगुनी करने की मंशा है। वेदांता स्मेलटर बंद होने से 2018 के बाद भारत में अयस्क का आयात काफी कम हो गया था। अदाणी ग्रुप के स्मेलटर चालू होने से भारत को पुरानी क्षमता हासिल करने में मदद मिलेगी।

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