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आईपीआरएस ने कोरिया संगीत कॉपीराइट एसोसिएशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए
यह भारत और कोरिया के बीच एक गतिशील पारसंस्कृतिक संगीत आदान-प्रदान की शुरुआत है,
जो सहयोग, ज्ञान, और अधिकार संरक्षण के लिए नए रास्तों को खोल रहा है
मुंबई । भारतीय परफॉर्मिंग राइट्स सोसायटी (IPRS) और कोरिया संगीत कॉपीराइट एसोसिएशन (KOMCA) ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए है, जिसके अंतर्गत संरचित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य कॉपीराइट के क्षेत्र में जागरूकता, ज्ञान, और सहयोग को बढ़ावा देना हैं (जैसे संगीत उद्योग के नवीनतम कॉपीराइट मुद्दों पर सेमिनार), संगीत सृजन (जैसे गीत लेखन शिविर), और सामूहिक प्रबंधन (जैसे सर्वोत्तम प्रथाओं पर अनुभव साझा करना) के लिए संगीत सृजनकर्ताओं के बीच सहयोग को बढ़ाना। भारत और कोरिया के बीच सीमाओं को पार करते हुए संगीत को प्रोत्साहित करना।
संगीत भारत और कोरिया जैसे देशों की मुख्य सांस्कृतिक संपदा होने के साथ, राग लोकप्रिय संगीत के केंद्र में है। भारतीय संगीत अपने विभिन्न क्षेत्रों से उत्पन्न अप्रतिम विरासत के साथ विश्व भर में उच्च स्तर पर प्रस्तुति का एक मुख्य स्रोत भी रहा है। भारतीय संगीत की तरह आकर्षक लय और कोरस खंडों से समृद्ध, कोरियाई पॉप संगीत विश्व स्तर पर स्वीकार किया जाता है और यह अपने वास्तविक तत्वों में भारतीय संगीत के साथ मिश्रण करने में सक्षम है। हम यह मानते हैं कि यह दोनों देशों के संगीत स्तर के बीच एक गहरे संबंध की शुरुआत है और इससे सुनने वालों की संख्या में वृद्धि होने के साथ, राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। हम जिस दुनिया में रहते हैं, उसको देखते हुए यह दोनों पक्षों के रचनाकारों के लिए सर्वोत्तम हित में है कि वे अपनी कमाई क्षमता को अधिक से अधिक करने के अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों। एमओयू का उद्देश्य रचनाकारों को इस बुनियादी जानकारी से लैस करना है, इस एमओयू को इसी आलोक में देखा जाना चाहिए।
भारतीय संगीत उद्योग की पहुंच को व्यापक बनाने के लिए आईपीआरएस की सतर्कता के कारण, दोनों संघों के बीच एक ठोस समझौता ज्ञापन के फलीभूत होने में केवल समय की बात थी।
यह एमओयू सच्चा संकेतक है एक विस्तार चरण का, जो संगीत उद्योग को एक बड़े स्पेक्ट्रम प्रदान करेगा। आईपीआरएस के सदस्यों और अन्य भारतीय कलाकार भी इस नए विकास के साथ बेहतर रॉयल्टी, मान्यता और नई संभावनाओं के लिए तैयार हैं।
जावेद अख्तर, एक प्रसिद्ध गीतकार, पटकथा लेखक, कवि, और आईपीआरएस के चेयरमैन, ने इसी संदर्भ में अपनी संतोषजनक भावना व्यक्त की हैं, उन्होंने कहा, “KOMCA के साथ हाल ही में स्थापित सहयोग एक परिवर्तनकारी दौर की शुरुआत करता है, जो भारत और कोरिया के बीच सृजन के एक गतिशील आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है। हमारी कथा उन बाधाओं को तोड़ने, अवसरों को बनाने, और एक ऐसी दुनिया की कल्पना करने के चारों ओर घूमती है जहां रचनाकार और रचनात्मकता आगे बढ़ते है। हम निकट भविष्य में अपने सदस्यों के लिए और अधिक सहयोगी पहलों की उम्मीद करते हैं।
उसी पर टिप्पणी करते हुए, आईपीआरएस के सीईओ श्री राकेश निगम ने सहयोग पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “KOMCA के साथ समझौता ज्ञापन भारत और कोरिया के बीच एक गतिशील क्रॉस-सांस्कृतिक संगीत आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है। यह सहयोग रचनाकारों के अधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित करने के साथ-साथ सृजकों के अधिकारों की सुनिश्चितता को भी दर्शाता है। एमओयू एक परिवर्तनकारी यात्रा बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम बनने के लिए तैयार है, जो हमारे सम्मानित निर्माता सदस्यों के बीच रचनात्मक साझेदारी और नवाचार में मदद करेगा।”
KOMCA के महाप्रबंधक श्री गिसेब यू ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, KOMCA और IPRS के बीच ये समझौता दो समाजों के बीच एक मजबूत बंधन के रस्ते खोलता है। कोरिया संगीत कॉपीराइट एसोसिएशन (KOMCA) और IPRS, दो संगीत से सम्पन्न देशों के लेखक-संगीतकारों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो अब संयुक्त रूप से काम करके संगीत सहयोग और साझेदारियों के माध्यम से दोनों देशों के वाद्यमय श्रोताओं के लिए नए अवसर बनायेंगे और रचनात्मकता के अधिकारों पर जागरूकता फैलाने में भी मदद करेंगे।”