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कैलाश विजयवर्गीय आपराधिक रिकॉर्ड के चलते सुर्खियों में

इन्दौर । चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों को नामांकन पत्र में आपराधिक रिकॉर्ड देने के निर्देश देते पार्टी द्वारा प्रत्याशी का आपराधिक रिकॉर्ड समाचार पत्रों में तीन बार प्रकाशित करवाने का भी निर्देश दिया है। कल नामांकन का आखिरी दिन होने के चलते सभी उम्मीदवारों ने अपने अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिए उसके बाद इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 से बीजेपी प्रत्याशी भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले चर्चा में आ गए। अपने शपथ पत्र में कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा कि पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ पांच प्रकरण दर्ज हैं। इसके अलावा भी और प्रकरण दर्ज हो सकते हैं जो मेरी जानकारी में नहीं है। वहीं बीजेपी प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय से जुड़ा एक और मामला सामने आया है जहां दुर्ग छत्तीसगढ़ की एक अदालत में उनके खिलाफ चौबीस साल से एक मामला लंबित है। उस मामले में अदालत के अनुसार विजयवर्गीय पिछले कई सालों से फरार हैं। हालांकि कैलाश विजयवर्गीय ने दाखिल अपने नामांकन पत्र में अपने ऊपर के आपराधिक प्रकरणों की जानकारी दी है और आपराधिक प्रकरण की जानकारी देने के साथ उन्होंने उसमे एक विशेष टिप्पणी भी लिखी है जिसमें कैलाश विजयवर्गी ने लिखा है कि- भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव होने के चलते मैंने देश में कई चुनाव दौरे किए हैं। ऐसे में राजनीतिक व्यस्तता के कारण मेरे खिलाफ कोई शिकायत या जांच हो जिसकी मुझे जानकारी नहीं है इसकी संभावनाएं हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने जिन पांच प्रकरणों की जानकारी दी है उन्हें 2018 से 2020 के बीच का बताया है। इसमें उनके खिलाफ तीन केस धार्मिक भावनाएं भड़काने के भी दर्ज हैं। वहीं कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ पश्चिम बंगाल में बलात्कार और जान से मारने की धमकी जैसे संगीन मामले दर्ज थे जिसमें उन्हें सुप्रीम कोर्ट से पूर्ण राहत मिल गई थी।

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