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कर्नाटक में मंत्री प्रियांक खड़गे का विवादित बयान, सावरकर कोई वीर नहीं थे
बेंगलुरु ।
कर्नाटक के कांग्रेस विधायक और सिद्धारमैया सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रियांक खड़गे ने अब विनायक दामोदर सावरकर को लेकर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि सावरकर कोई वीर नहीं थे और अगर वह प्रभारी होते तब बेलगावी में सुवर्ण विधानसभा से उनकी तस्वीर हटा देता।
खड़गे ने कहा, उनका (सावरकर) योगदान क्या है? मैंने कांग्रेस कार्यालय में डेढ़ घंटे तक प्रेस वार्ता में सावरकर के बारे में बात की है। भाजपा बताए कि सावरकर को वीर की उपाधि कैसे मिली? सावरकर को वीर की उपाधि किसने दी? बीजेपी बता दें कि सावरकर अंग्रेजों से पेंशन नहीं ले रहे थे? यह मेरी निजी राय है, सरकार की नहीं। अगर मेरे ऊपर छोड़ा होता तब मैं विधानसभा से सावरकर की फोटो हटा देता। वह बिल्कुल भी वीर नहीं हैं, और मैं इस चुनौती दे रहा हूं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एमएलसी बीके हरिप्रसाद ने खड़गे की टिप्पणी का समर्थन किया। उन्होंने कहा, स्वतंत्रता संग्राम में सावरकर का योगदान शून्य है। खड़गे का यह मानना है और वह सही हैं। उनकी तस्वीर हटा दी जानी चाहिए और इसमें कोई दो राय नहीं है। भाजपा सत्ता में थी, तब सवारकर की तस्वीर विधानसभा में लगी थी। वे इतिहास में बदलाव करना चाहते हैं। दुनिया जानती है कि भारत की स्वतंत्रता में सावरकर का योगदान क्या था।
बीजेपी ने पलटवार कर खड़गे को अशिक्षित करार दे दिया। भाजपा विधायक भरत शेट्टी ने कहा कि अगर विधानसभा से सावरकर की तस्वीर हटाई गई, तब भारी विरोध दर्ज कराया जाएगा। शेट्टी ने कहा, प्रियांक खड़गे को गलत जानकारी है। वह सोचते हैं कि वह सबसे अधिक शिक्षित व्यक्तियों में से एक हैं, लेकिन वह विधानसभा में सबसे अशिक्षित व्यक्ति हैं। अगर उन्होंने ऐसा करने की कोशिश की तब विरोध न सिर्फ अंदर बल्कि बाहर भी भड़केगा। भाजपा विधायक अश्वथ नारायण ने खड़गे पर निशाना साधकर कहा, उन्हें ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में अपनी क्षमताएं साबित करने दें। वह अहंकारी हैं, वह विवादास्पद हैं और इस तरह के बयान देते हैं। वह हमेशा देश विरोधी बयान देते हैं।