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किशनी बनी भ्रष्टाचार का अड्डा: तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर से हो गये आदेश
तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर से होगये क ई आदेशअधिकारियों ने साधी चुप्पी
प्राइवेट कर्मचारियों का कार्यालय
मैनपुरी । तहसील किशनी इन दिनों भ्रष्टाचार का गढ़ बनचुकीहै।पिछले काफी समय से तहसील मे अनियमिताओं का बोलबाला हो गया है तहसील के हर कार्यालय पर दलालों एवं प्राइवेट लोगों का कब्जा हो चुका है अधिकारियों की शह पर तहसीलदार कार्यालय में प्राइवेट कर्मचारियों का आतंक इस कदर व्याप्त है कि वे किसी भी पत्रावली मे मनचाहा आदेश करा देते है पत्रावली गायब करा देतेहै वकीलों को मुकदमा की फायले नहीं मिलती है जिसके कारण उनमें असन्तोष फैला हुआ है तहसील बार एसोसिएशन किशनी अध्यक्ष योगेन्द्र चौहान की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमे उक्त आरोप लगाते हुए वकीलों ने कहा कि रजिस्टरार कानूनगो के दफ्तर में संरक्षित गोपनीय अभिलेख57ख भी प्राइवेट कर्मचारियों के हाथ का खिलौना बन गए है मौजा मुडौसी की आधार वर्ष खतौनी दाखिल न होने के कारण उसमे रकवे मे फेर बदल होने की सम्भावना बनीहै। हालात इस कदर वेकाबू हो चुकेहैकि तहसील के पूर्व तहसीलदार विशाल यादव के ही फर्जी हस्ताक्षर कर दाखिल खारिज के क ई आदेश जारी कर दिये गये और फायले भीगायब कर दी गयीं। तहसीलदार और नायब तहसीलदार के यहाँ कितनी विवादित पत्रावली है कोई रखरखाव नहीं ्नयी फायलें मिसिलबंद मे दर्ज न होने से सही जानकारी नहीं हो पाती । कुछ समय पूर्व एसडीएम के एक पेशकार ने तो एसडीएम केही फर्जी हस्ताक्षर कर आदेश भीपत्रावली पर कर दिया था ।जानकारी होने पर पेशकार केविरुध कोई कार्य वाही नहीं हुई केवल उसका तहसील से ट्रांसफर कर दिया गया था वकीलों ने एक स्वर से तहसील के सभी दफ्तरों से प्राइवेट कर्मचारियों को हटाने गायब पत्रावली तलाश करने मिसिलबंद बनाए जाने तथा आदेशोपर फर्जी हस्ताक्षर कर आदेश करनेवाले की पता लगाकर कठोर कार्य वाही करनेका प्रस्ताव पास किया गया है काफी समयसे कम्प्यूटरपर कार्य रत प्रभारी राघवेन्द्र के स्थान पर अन्य को रखे जाने की मांग कीहै । यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री के आदेश के वाद भी किसकी शह पर तहसील कार्यालय मे प्राइवेट लोग काम कर रहै।
बैठक में रमाकान्त दुवे उपदेश शाक्य उदयवीर सत्यपाल सिंह उदयप्रताप यादव, राहुल शाक्य प्रदीप कुमार सक्सेना शिवकुमार एडवोकेट सहित सभी अधिवक्ता मौजूद थे। अध्यक्ष चौहान नेकहा कि पहल वार्ता होगी समस्या दूर न होने पर राजस्व परिषद के सामने सभी तथ्यों को रखा जावेगा