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जनजातीय संस्कृति आधारित हो सीएम राइज विद्यालयों का लैंडस्केप

भोपाल । सीएम राइज विद्यालयों की लैंडस्केप प्लानिंग जनजातीय संस्कृति को ध्यान में रखकर की जाए ताकि राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बने।यह बातअपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा ने कहा कि स्थानीय विद्यालय की लैंडस्केपिंग का विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ना चाहिए। वहां की क्षेत्रीय विशेषताओं, कला और भौगोलिक परिवेश आधारित ऐसी लैंडस्केपिंग की जानी चाहिए जिसका रख-रखाव भी आसान हो। वे आज यहां जनजातीय कार्य विभाग द्वारा विभागीय सीएम राइज विद्यालयों के लैंडस्केप प्लानिंग विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। जनजातीय कार्य विभाग के अपर आयुक्त डॉ. सत्येन्द्र सिंह ने कहा प्रदेश के विभिन्न जिलों में बनने वाले जनजातीय सीएम राइज विद्यालयों कि प्रत्येक विद्यालय का लैंडस्केप डिजाइन अनूठा होना चाहिए। विद्यालय के परिवेश व वातावरण के साथ उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं व सुविधाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन करने की जरूरत है। किसी भी भवन या कैंपस का लैंडस्केप डिजाइन ही उसका फर्स्ट इंप्रेशन होता है इसलिए इसकी प्लानिंग का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आकर्षक व सृजनात्मक लैंडस्पेक डिजाइन विद्यार्थियों व शिक्षक की सृजनात्मकता बढ़ाने का कार्य करता है। वहां का लैंडस्केप ऐसा होना चाहिए कि विद्यार्थी को कक्षा से बाहर आने पर उत्साह की अनुभूति हो। विद्यालय के पर्यावरण और जैव विविधता को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण हितैषी लैंडस्केप डिजाइन किया जाना चाहिए।

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