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कटघोरा क्षेत्र के लिथियम खदान की बोली लगाई गई 38 गुना अधिक दर पर

कई बड़ी कंपनियां हुई शामिल

कोरबा । देश की पहली लिथियम खदान कोरबा जिले के कटघोरा में खुले की उम्मीद हैं। केन्द्रीय खान मंत्रालय द्वारा की गई नीलामी में कटघोरा लिथियम ब्लॉक के लिए रिजर्व प्राइज 2 प्रतिशत के विरुद्ध 76.05 प्रतिशत की बोली आई, जो रिजर्व प्राइज से 38 गुना अधिक है। हालांकि, अभी सफल बोलीदाता का नाम सामने नहीं आया है।
कटघोरा के साथ ही कश्मीर के रियासी स्थित लिथियम ब्लॉक की भी नीलामी शुरू की गई। किंतु शुरुआती दौर में ही इसके लिए समुचित बोलीदार आगे नहीं आए, जिसके कारण एमएसटीसी पोर्टल पर चल रही इसकी ऑनलाइन नीलामी रोक दी गई। लिथियम की खदान शुरू होने पर कोरबा ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश में भी समृद्धि के नए द्वार खुलेंगे। कटघोरा जहां आधारभूत सुविधाओं से युक्त मैदानी इलाके में है, छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था भी अच्छी है। इसी कारण से यह निवेशकों के लिए भी आदर्श राज्य माना गया। वहीं कश्मीर पहाड़ी क्षेत्र है, साथ ही वह एक संवेदनशील प्रदेश भी माना जाता है। ग्राम घुचापुर कटघोरा के आसपास के 250 हेक्टेयर क्षेत्र में लिथियम पाए जाने की पुष्टि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने की। बोली में ओला, वेदांता, जिंदल, श्री सीमेंट, अडाणी समूह, अल्ट्राटेक सीमेंट सहित अनेक बड़ी कंपनियां शामिल हुई।
अर्जेंटीना देश की एक कंपनी की भी बोली में भाग लेने की जानकारी मिली है। यह एक नरम तथा चांदी के समान सफेद धातु है। मानक परिस्थितियों में यह सबसे हल्की धातु और सबसे हल्का ठोस तत्त्व है। यह अत्यधिक प्रतिक्रियाशील और ज्वलनशील है। ग्लोबल मार्केट में एक टन लिथियम की कीमत 57.36 लाख रुपए है।
* जितना दोहन, उसके बाजार मूल्य का 76% प्रदेश को मिलेगा
दुर्लभ खनिजों की इस नीलामी की प्रक्रिया में पहले इनिशियल बीडिंग की शुरुआत की गई। इस पहले दौर की नीलामी में ही कटघोरा लिथियम ब्लॉक के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी कोल इंडिया सहित विभिन्न निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों ने रुचि दिखाई। इनमें ई-बाइक बनाने वाली ओला, वेदांता, जिंदल, श्री सीमेंट, अडाणी समूह, अल्ट्राटेक सीमेंट सहित अनेक बड़ी कंपनियां शामिल थी। अर्जेंटीना की एक कंपनी की भी बोली में भाग लेने की जानकारी मिली है। दूसरे चरण में फॉरवर्ड बीडिंग दोपहर 2 बजे से शुरू की गई।
एक अधिकारी के मुताबिक कटघोरा ब्लॉक के लिए रिजर्व प्राइस 2 प्रतिशत के विरूद्ध 76.05 प्रतिशत की बोली मिली अर्थात लिथियम दोहन की जो मात्रा होगी, उसके उस समय के बाजार मूल्य का 76 प्रतिशत छत्तीसगढ़ राज्य को मिलेगा। यह राशि हजारों करोड़ में संभावित है। इसके अलावा केन्द्र सरकार द्वारा तय 3 प्रतिशत की रायल्टी व डीएमएफ की राशि भी प्राप्त होगी। लिथियम के कटघोरा ब्लॉक के लिए कंपोजिट लाइसेंस दिया जा रहा है। जिसमें परीक्षण व खनन दोनों ही अधिकार शामिल है।
* 250 हेक्टेयर क्षेत्र में लिथियम पाए जाने की पुष्टि
बीते वर्ष देश में सबसे पहले कश्मीर में लिथियम ब्लॉक मिलने की घोषणा केन्द्रीय खान मंत्रालय ने की थी। ऊर्जा, सीमेंट व रणनीतिक महत्व के दुर्लभ खनिज के रूप में उपयोगी लिथियम के देश में पाए जाने को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा गया। इसके कुछ दिनों के बाद ही छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के ग्राम घुचापुर कटघोरा के आसपास के 250 हेक्टेयर क्षेत्र में लिथियम पाए जाने की पुष्टि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने की। लिथियम के इस भंडार से खनन योग्य व अच्छी गुणवत्ता का खनिज है। केन्द्रीय खान मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में स्थित लिथियम सहित अन्य प्रमुख दुर्लभ व रणनीतिक खनिजों के 20 ब्लाक की खुली नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई।
लिथियम साधारण परिस्थितियों में लिथियम प्रकृति की सबसे हल्की धातु है। इसका प्रतीक (एलआई) और परमाणु संख्या 3 है। चांदी जैसा नरम और सफेद ये क्षार धातु मानक परिस्थितियों में सबसे कम सघन मेटल और सबसे कम घना ठोस तत्व होता है। वर्तमान में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री में इसकी सर्वाधिक उपयोगिता है। डिजिटल उपकरण व ई-वाहन की बैटरी बनाने में इसका उपयोग होता है। इस्पात व सीमेंट उद्योग में भी इसका उपयोग होता है। भारत में लिथियम भंडार मिलने से सबसे बड़ा फायदा इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें कम होंगी।
लिथियम भंडार के लिए कंपोजिट लायसेंस दिया जाएगा। ऐसे में तय कंपनी को पहले प्रॉस्पेक्टिंग की प्रक्रिया करनी होगी यानी क्षेत्र में खनन से पहले खनन कहां से शुरू की जाए इस पर सर्वे करना होगा। इसके बाद खनन की प्रक्रिया शुरू होगी। सब कुछ ठीक रहा तो कंपनी जल्द प्रॉस्पेक्टिंग सर्वे शुरू कर सकेगी। सर्वे के बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जाएगी।
लिथियम खनन शुरू होने के बाद इससे जुड़ी कंपनियां काम शुरू करेंगी। इसके लिए तकनीकी एक्सपर्ट की जरूरत पड़ेगी साथ ही संसाधनों के विकास के लिए भी लोगों की आवश्यकता होगी। इससे रोजगार मिलेगा और बाजार में भी बढ़ोतरी आएगी। प्रदेश में विकास के लिए तय राशि, रॉयल्टी व डीएमएफ के लिए भी इससे सहयोग मिलेगा, जो हजारों करोड़ रुपए में होगा।
स्मार्टफोन हो, इलेक्ट्रिक हो या नॉर्मल कार या फिर कोई और बैटरी वाला प्रोडक्ट इन सबमें लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल होता है। आने वाले वक्त में एनर्जी का बड़ा सोर्स लिथियम आयन बैटरी होगी। दुनियाभर के तमाम देश पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर अपनी निर्भरता को कम कर रहे हैं। इन सबमें लिथियम का बड़ा योगदान है। इसकी वजह लिथियम आयन बैटरी है. इसका इस्तेमाल रिन्यूएबल एनर्जी को स्टोर करने के लिए किया जाता है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक लिथियम की वैश्विक मांग में 500 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
लिथियम के कटघोरा ब्लॉक के लिए कंपोजिट लाइसेंस दिया जा रहा है। इसमें परीक्षण व खनन दोनों का ही अधिकार शामिल है। कटघोरा जहां आधारभूत सुविधायुक्त मैदानी इलाके में है, छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था भी अच्छी है। इसी कारण से यह निवेशकों के लिए भी आदर्श राज्य माना जाता है, वहीं कश्मीर पहाड़ी व संवेदशील प्रदेश भी माना जाता है। कहा जा रहा है कि इसी फर्क के कारण कश्मीर को जहां बोलीदाता नहीं मिले, वहीं कटघोरा का ब्लॉक लेेने के लिए निवेशकों व औद्योगिक समूहों की कतार लग गई।
ज्वाइंट डॉयरेक्टर एवं नोडल अधिकारी ऑक्शन, खनिज विभाग कोरबा अनुराग दीवान ने बताया की कोरबा को देश का पॉवर हब माना जाता हैं। यहां कोयला और कोयला आधारित पॉवर प्लांट ऊर्जा के स्रोत हैं। अब कोरबा लिथियम के खनन से यहां उत्पादित ऊर्जा के भंडारण के लिए महत्वपूर्ण खनिज लिथियम का भी देश का सबसे पहला स्रोत बनेगा। यह समृद्धि का नया अवसर राज्य के लिए आ रहा है। जो सभी प्रदेशवासियों के लिए खुशी और गर्व का विषय है।

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