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फर्जी हस्ताक्षर कर निकाला किसान के नाम ऋण

2011 से दर दर भटक रहा था किसान

-फर्जी ऋण के चलते डिफाल्टरों की सूची में आ गया था किसान
टीकमगढ़ । जिले के पलेरा अंतर्गत आने वाली प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित पुरैनिया के तत्कालीन समिति प्रबंधक जगदीश यादव भ्रष्टाचार के कई मामलों में लिप्त रहे हैं। जिसके चलते उन्हें पूर्व में हुई गड़बड़ियों को लेकर दोषी सिद्ध पाते हुए समिति प्रबंधक के पद से पृथक किया जा चुका है। मंगलवार को पुरैनिया समिति क्षेत्र के ग्राम निबावरी निवासी किशोरी पुत्र छल्ला ढीमर ने प्रदेश के सहकारिता मंत्री, सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं सागर, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं टीकमगढ़ के अलावा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के प्रबंधक के नाम शिकायती आवेदन डाक विभाग द्वारा भेजकर तत्कालीन समिति प्रबंधक जगदीश यादव पर फर्जी हस्ताक्षर कर उसके नाम से ऋण निकालने का आरोप लगाया है।
आवेदक किशोरी ने बताया कि वह पुरैनिया समिति क्षेत्र के ग्राम निबावरी का निवासी है जो मजदूरी का कार्य कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। पूर्व में वह कृषि साख सहकारी समिति पुरैनिया का सदस्य भी रह चुका है जिसका अनुचित लाभ उठाकर तत्कालीन समिति प्रबंधक जगदीश यादव द्वारा आवेदक के फर्जी हस्ताक्षर करते हुए उसके नाम पर 30 हजार रुपए का ऋण 2 मई 2011 को स्वीकृत करा लिया था। शिकायतकर्ता के पास 2012 में जब बसूली का नोटिस पहुंचा तो उसे मामले की जानकारी प्राप्त हुई। आवेदक किशोरी ने तत्काल पुरैनिया समिति एवं जिला कलेक्टर के समक्ष शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया मगर आज दिनांक तक प्रार्थी न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहा है। प्रार्थी ने पुरैनिया समिति के तत्कालीन समिति प्रबंधक जगदीश यादव के विरूद्ध उचित वैद्यानिक कार्यवाही करने की मांग की है।
-गबन के मामले में शासकीय सेवा हो चुके पृथक
आवेदक किशोरी ने बताया कि उक्त तत्कालीन समिति प्रबंधक जगदीश यादव अपने कारनामों के चलते सहकारिता विभाग में चर्चित रहे हैं। जगदीश यादव पूर्व में उक्त समितियों में कई गड़बड़िया एवं गबन के मामलों में संलग्न रहे हैं। जिसे विभाग ने समिति प्रबंध के पद से पृथक कर शासकीय सेवा से पूर्व में वंचित कर दिया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जगदीश यादव रसूखदार एवं राजनैतिक पकड़ वाले व्यक्ति है जिसके चलते उसे न्याय नहीं मिल रहा है।
खाद-बीज के लिए भटक रहा किसान : शिकायतकर्ता किशोरी ने बताया कि पुरैनिया सोसाइटी के तत्कालीन समिति प्रबंधक जगदीश यादव द्वारा किए गए इस कारनामे के कारण वह तथा उसके जैसे अन्य किसान भाई खाद-बीज के लिए भटक रहे हैं क्योंकि जगदीश द्वारा उसके नाम पर फर्जी तरीके से ऋण का आहरण कर लिया है जिसके चलते वह डिफाल्टरों की सूची में शामिल हो चुका है। जिस कारण उसे खाद-बीज सहकारी बैंक से नहीं मिल पा रहा है।
इनका कहना है : आवेदन प्राप्त होते ही इस मामले में विचार-विमर्श कर संबंधित अधिकारी को जांच के लिए निर्देशित किया जाएगा।

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