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लंपी वायरस का अलर्ट, प्रदेश के चार हजार गोवंश में दिखे लक्षण


भोपाल ।
गोवंशों में लंपी वायरस एक अत्यंत संक्रामक रोग है जो सामान्यतया गायों, भैंसों और बैलों में पाया जाता है। यह वायरस गंभीर रूप से पशुओं के श्वसन तंत्र और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है और अधिकतर मामलों में इससे मृत्यु होती है।

मध्य प्रदेश के बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा और रीवा जिलों में लंपी वायरस के लक्षण दिखने से पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने अलर्ट जारी किया है और टीकाकरण, इलाज और जागरूकता कार्य शुरू कर दिया है। इससे वायरस के फैलाव को रोकने में मदद मिलेगी और लोगों को संबंधित लक्षणों के बारे में जागरूक करने से बचाव संभव होगा।

इस समस्या के समाधान के लिए, पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा पशुओं से संबंधित सैंपल लिए जा रहे हैं और इसे जांच के लिए भेजा जा रहा है। इससे वायरस के संक्रमण का सही अंदाजा लगाया जा सकता है और इसके अनुसार उपचार दिया जा सकता है।

पशुपालन और डेयरी विभाग ने बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा और रीवा जैसे कुछ जिलों में अलर्ट जारी किया है क्योंकि वहां गोवंश में चार हजार लंपी वायरस के लक्षण मिले हैं। इसके अतिरिक्त, मार्च से अब तक 20 गोवंश की मौत हो चुकी है। इस संदेश से यह साफ़ है कि इन जिलों में पशुओं के स्वास्थ्य की निगरानी की जानी चाहिए ताकि इस वायरस के फैलाव को रोका जा सके।

पशु चिकित्सा सुझावात्मक कदम

डॉ. मेहिया ने एडवायजरी जारी कर क्षेत्र में सतर्कता बनाए रखने को कहा है और गोवंश पालकों से संक्रमित गोवंश को स्वस्थ गोवंश से दूर रखने की अपील की है। मच्छर और मक्खी को दूर रखने के लिए भी प्रबंध करना बहुत जरूरी है। इससे पशुओं को कुछ संक्रमणों से बचाया जा सकता है और उनकी सेहत और जीवनकाल बढ़ाया जा सकता है।

कुछ और सुझाव जो एडवायजरी में शामिल किए जा सकते हैं वे हैं:

पशुओं के लिए साफ-सफाई करना बहुत जरूरी है। पशुओं के लिए अलग-अलग साफ-सफाई सामग्री उपलब्ध होने चाहिए जैसे कि ब्रश, शैंपू, साबुन, और बॉडी लोशन आदि।

पशुओं के लिए नियमित चेकअप की जरूरत होती है। अगर किसी पशु को कोई संक्रमण होता है, तो उसे जल्द से जल्द उपचार कराना बहुत जरूरी होता है।

पशुओं के खाद्य सामग्री का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।

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