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शासकीय उमवि क्रमांक 2 में काटे गए हरे भरे वृक्ष
जिला कलेक्टर के संज्ञान में पहुंचा मामला
टीकमगढ़ । शहर के ललितपुर मार्ग स्थित शासकीय उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 में पदस्थ प्राचार्य एनडी अहिरवार एवं व्याख्याता महेन्द्र उपाध्याय की मौजूदगी में शाला परिसर में लगे हरे-भरे फलदार वृक्षों की कटाई का काम बुधवार को अवकाश के दिनों मे ंदिन दहाड़े किया जा रहा था और यह कार्य व्यापक स्तर पर चल रहा था जहां शाला परिसर के अंदर लकड़ी कटाई का काम चल रहा था वहीं दूसरी ओर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में इन्हें लादकर अन्यत्र स्थान पर भेजने की व्यवस्था भी सुनियोजित तरीके से बनाई गई थी। जैसे ही इस बात की जानकारी मीडियाकर्मियों को लगी तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर संबंधित स्थल का अवलोकन करते हुए तुरंत जिले के कलेक्टर को इसकी सूचना दी। कलेक्टर अवधेश कुमार शर्मा ने तहसीलदार गोविन्द सिंह ठाकुर सहित जिला शिक्षाधिकारी को मौका मुआइना कर सही जानकारी मुहैया कराए जाने के लिए निर्देशित किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष शिक्षा विभाग में 31 दिसम्बर से 4 जनवरी तक स्कूलों के अवकाश निर्धारित किए गए हैं। इसके बावजूद बुधवार 3 जनवरी को शहर के ललितपुर मार्ग पर स्थित शासकीय उच्च्ातर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 मेें दिन दहाड़े वृक्षों की कटाई का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा था। इस कटाई के कार्य में हरे भरे वृक्षों सहित आगामी मौसम में फल देने वाले वृक्ष भी शामिल थे। वृक्षों की कटाई का कार्य व्यापक स्तर पर स्कूल प्रबंधन की देख रेख में चल रहा था। यहां तक कि वृक्षों की कटाई में बड़ी-बड़ी मशीनों का उपयोग अपनी देख रेख स्टॉफ करवा रहा था। गौरतलब है कि दो से तीन ट्रॉली पेड़ों की लकड़ी शाला प्रबंधन द्वारा मनमाफिक तरीके से भेजी जा चुकी थी। बुधवार को तहसीलदार गोविन्द सिंह ठाकुर के मौके पर पहुंचते ही उन्हें एक ट्रॉली में हरे-भरे वृक्षों की लकड़ियां बरामद हुई हैँ। जिनका तहसीदार श्री ठाकुर ने पंचनामा तैयार कर पेड़ों से लदी ट्रॉली को शाला प्रबंधन के सुपुर्द करते हुए शाला के प्राचार्य को समय सीमा में इस मामले में जबाव प्रेषित करने के लिए कहा है।
व्याख्याता ने तहसीलदार काे नहीं दी तब्बजो : कलेक्टर के निर्देशन में मौका मुआयना करने पहुंचे तहसीलदार गोविन्द सिंह ठाकुर ने जब शाला प्रबंधन से वृक्षों की कटाई से संबंधित अनुमति की जानकारी मांगी तो क्रमांक 2 में पदस्थ व्याख्याता महेन्द्र उपाध्याय ने उनसे कहा कि हम लोगाें के पास तहसीलदार की अनुमति पहले से है इस बात पर तहसीलदार ने व्याख्याता महेन्द्र उपाध्याय से पूछा कि यहां तहसीलदार कौन है तो उनका कहना था कि पूर्व में पदस्थ तहसीलदार से तीन वर्ष पहले वृक्षों की कटाई की अनुमति ली थ्ाी। श्री उपाध्याय के इस जबाव पर नाराजगी व्यक्त करते हुए नवागत तहसीलदार श्री ठाकुर उन्हें कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि मैं यहां तहसीलदार के पद पर पदस्थ हूं तीन वर्ष पूर्व ली गई अनुमति का आज औचित्य नहीं हैं। अगर आपको वृक्षों का िनपटराया कटाई करवानी थी तो नए सिरे से अनुमति लेने का प्रावधान है हालांकि तहसीलदार ने व्याख्याता महेन्द्र उपाध्याय से पूर्व में ली गई अनुमति का पत्र मांगा तो उन्होंने पत्र देने में असमर्थता जाहिर की। हालांकि व्याख्याता की भाषा तहसीलदार के प्रति कार्यवाही करने को लेकर वहां मौजूद लोगों को अशोभानीय साबित हुई है। क्योंकि तहसीलदार जैसे पद का निर्वाहन एक जिम्मेवार व्यक्ित को शासन सौंपता है। जिसके सम्मान करने में व्याख्याता पीछे रह गए। इसके साथ ही व्याख्यात ने तहसीलदार के एक सवाल का बेतुका जबाव देते हुए कहा कि आप कार्यवाही करें।
शाला प्रबंधन का टालमटोल रहा रवैया : बुधवार को अचानक घटे वृक्षों की कटाई के इस मामले को लेकर जहां शाल में पदस्थ प्राचार्य एनडी अहिरवार सब कुछ कहने से बचते रहे और वह न तो मीडिया कर्मियों के समक्ष खुलकर उपस्थि्ात हुए और न ही उन्होंने तहसीलदार जैसे महत्वपूर्ण अधिकारी की कार्यवाही में मदद करने का कोई प्रयास किया। इसके अलावा शाला में कई दशकों से पदस्थ व्याख्याता महेन्द्र उपाध्याय मीडिया के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को सारे उत्तर देते हुए बढ़चढ़ कर दिखाई दिए। हालांकि उनकी भाषा शिक्षकों जैसी परिभाषा में किसी को सुनाई नहीं दी। उन्होंने कहा कि वृक्षों की कटाई इस लिए कराई गई है कि वृक्षाें से चीटे गिरते हैं जो छात्रों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न करते हैं ऐसा तर्क सुनकर मौके पर मौजूद शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सहित तहसीलदार हदप्रद रह गए।
इनका कहना है : बुधवार को शिकायत मिलने पर जब मैं मौके पर पहुंचा तो वहां शाला परिसर में काफी पेड़ कटे हुए पड़े थे एवं स्कूल के बाहर एक ट्रैक्टर की ट्राली लकड़ियों से लदी हुई खड़ी हुई थी जिला शिक्षाधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। इसके उपरांत मौका मुआयना कर पंचनामा तैयार करते हुए ट्रैक्टर-ट्राली को जब्त कर प्राचार्य को अग्रिम कार्यवाही के लिए सुपर्द किया गया है।
– गोविन्द सिंह ठाकुर, तहसीलदार, टीकमगढ़