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Madhypradesh: एनआरसी गड़बड़ी में फंसे IAS प्रतीक हेजला

 सेवाएं असम-मेघालय को वापस, प्रतिनियुक्ति पर आए थे

Bhopal । प्रतीक हजेला सितंबर 2013 से नवंबर 2019 तक असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के स्टेट कोऑर्डिनेटर के पद पर पदस्थ थे। हजेला पर मई 2022 में एनआरसी स्टेट कोऑर्डिनेटर हितेश देव सरमा ने सीआईडी में FIR दर्ज कराई है।
एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को उनकी सेवाओं का उच्च स्तर नहीं समझा जाता है। इससे भारत की शासन प्रणाली की उच्चतम प्रशंसा और प्रतिबद्धता के बावजूद यह स्पष्ट होता है कि कई बार संविधान के बाद भी बुरे प्रबंधन तंत्रों और संरचनाओं का उपयोग किया जाता है।
हालांकि, ऐसी घटनाओं से हमें उम्मीद नहीं खोनी चाहिए। न्याय और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, सरकारों को समय-समय पर ऐसे कदम उठाने चाहिए जो उनके अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाओं का मूल्यांकन करने के लिए योग्यता का निर्धारण करते हुए की जाएं। इससे उनकी मानसिक तनाव कम होगा और उन्हें उनकी कार्यक्षमता के आधार पर तथा उनकी सेवाओं के महत्व को समझते हुए निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
हजेला ने जान को बताया खतरा
प्रतीक हजेला मूलत: भोपाल के रहने वाले हैं। प्रतीक हजेला अपनी प्रतिनियुक्ति बढ़ाने का प्रयास कर रहे थे। इसके लिए हजेला ने अपनी जान को खतरा बताया था। वह इसके लिए कोर्ट की शरण में भी गए थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हजेला की प्रतिनयिुक्ति बढ़ाने को लेकर कोई राहत नहीं मिली।
देश विरोधी कानून के तहत केस दर्ज
प्रतीक हजेला सितंबर 2013 से नवंबर 2019 तक असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के स्टेट कोऑर्डिनेटर के पद पर पदस्थ थे। हजेला पर मई 2022 में एनआरसी स्टेट कोऑर्डिनेटर हितेश देव सरमा ने सीआईडी में FIR दर्ज कराई है। सरमा की शिकायत के अनुसार हजेला ने एनआरसी स्टेट कोऑर्डिनेटर रहते हुए जान-बूझकर गलत तरीके से लोगों को भारतीय नागरिक के रूप में शामिल किया। इसके लिए उन पर सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी करने का भी आरोप लगाया गया है। इस वजह से हजेला पर देश विरोधी कानून के तहत केस दर्ज किया गया है। FIR में हजेला के अलावा अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के नाम भी शामिल है।

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