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महात्मा गांधी के पास कोई डिग्री नहीं थी : उपराज्यपाल

 

ग्वालियर । जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के यह कहने पर, कि महात्मा गांधी के पास कोई डिग्री नहीं थी। उनके इस दावे पर देशभर में बवाल खड़ा हो गया है। कांग्रेसी नेताओं और सोशल मीडिया पर मनोज सिन्हा का बयान ट्रोल हो रहा है। जिसमें उनसे पूछा जा रहा है, कि जब गांधी जी के पास डिग्री नहीं थी। तो उन्होंने भारत सहित अन्य देशों में किस हैसियत से अदालतों में पैरवी की। यह मनोज सिन्हा बताएं। सोशल मीडिया में उनसे माफी की मांग भी की जा रही है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल गुरुवार को ग्वालियर पहुंचे थे। ग्वालियर में आईटीएम में आयोजित राम मनोहर लोहिया व्याख्यानमाला में उन्होंने यह भ्रामक बयान दिया। उन्होंने कहा,छात्रों को शिक्षा का महत्व समझना चाहिए। उन्होंने गांधीजी का उदाहरण देते हुए कहा, कि शिक्षा डिग्री से अधिक महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अधिकतर लोगों को भ्रांति है कि गांधीजी के पास लॉ की डिग्री थी। सच्चाई यह है कि उनके पास कोई डिग्री नहीं थी। इसके बावजूद वह राष्ट्रपिता बने। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। कांग्रेस के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री पर सवाल उठाए। उसके बाद से इस तरह के अनाप-शनाप बयान दिए जा रहे हैं। उन्होंने लिखा कि महात्मा गांधी ने लंदन से वकालत की डिग्री ली थी। उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लंदन में 1888 में दाखिला लिया था। 1891 में उनकी वकालत की पढ़ाई पूरी हुई थी। उसके बाद उन्होंने अफ्रीका में जाकर वकालत शुरू की थी। 
उपराज्यपाल के इस बयान के बाद लगातार बवाल बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा तेजी से ट्रेंड हो रहे हैं।

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