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Mandir Accident: कन्यापूजन के दौरान बावड़ी धंसी, 50 से ज्यादा गिरे, 14 की मौत

  Indore । में रामनवमी पर एक बड़ा हादसा हो गया। स्नेह नगर के पास पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर पर बावड़ी की छत धंसने से 50 से अधिक लोग बावड़ी में जा गिरे। हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है।

इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को सहानुभूति और आर्थिक सहायता की आवश्यकता होगी।
इस हादसे के पीछे की वजह को जानने के लिए एक विस्तृत जांच की जानी चाहिए। भवन की निर्माण गुणवत्ता की नज़र से देखते हुए सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इसमें कोई कमी नहीं है। इसके अलावा, सुरक्षा और आपातकालीन स्थितियों के लिए अधिक सुरक्षा के साथ संबंधित विवरणों का भी मूल्यांकन किया जाना चाहिए। इस हादसे से जुड़ी सभी जानकारी को संबंधित अधिकारिकों द्वारा संग्रहित किया जाना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं को फिर से होने से रोका जा सके।
प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने 13 मौत की पुष्टि की है। इससे पहले इंदौर कलेक्टर इलैयाराजा ने 12 की मौत की जानकारी दी थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों को पांच लाख और घायलों को पचास हजार देने की घोषणा की है। उधर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसे की भयावहता देखकर लग रहा है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। 
हादसे के बाद उत्तरदायित्विता
हादसा घटने के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। इस स्थिति में, स्थानीय लोगों ने उत्तरदायित्व का एहसास करते हुए ठीक कार्यवाही की। घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाना बहुत जरूरी होता है।
इस हादसे के मामले में, वरिष्ठ अधिकारी मौके पर होने के कारण उचित कदम उठाने में सक्षम होंगे। राहत और बचाव के कार्यों को त्वरित रूप से संचालित किया जाना चाहिए ताकि घायलों को उचित देखभाल मिल सके।
इस हादसे के बाद मंदिर के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि बावड़ी अवैध रूप से बनाई गई है। यदि ऐसा है, तो प्रशासन द्वारा उचित कदम उठाए जाने चाहिए ताकि इस तरह के हादसों को रोका जा सके। इससे न केवल भविष्य में होने वाली हादसों की संभावना कम होगी बल्कि समुदाय को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।
इंदौर में हुई घटना में 13 लोगों की मौत हुई है और एक बच्ची भी लापता हो गई है। इस घटना को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जांच के आदेश दिए हैं और पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं।
घटना के माध्यम से हुए नुकसान की जाँच की जाने की मांग करना एक उचित फैसला है। इसमें मंदिर में बावड़ी के ऊपर स्लैब कैसे डल गया, किसकी इजाजत से डला इत्यादि के प्रश्न होते हैं, जिनका उत्तर जांच द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
इस संबंध में प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री से चर्चा करने और गृहमंत्री द्वारा जांच के आदेश देने से पता चलता है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेती है और इसका जल्द से जल्द समाधान निकालने के लिए संपूर्ण कोशिश करेगी।
हादसे में 14 की मौत
हादसे में 14 लोगों के मौत की सूचना है। मरने वालों में अधिकांश महिलाएं हैं। घायलों को पास के एप्पल हॉस्पिटल में इलाज के लिए लाया गया है। जबकि गंभीर घायलों को एमवाय अस्पताल में ले जाया गया है। हादसे में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। हालांकि, पानी कम था, जिससे गिरने के बाद भी लोग अंदर खड़े दिखे। पर एक के ऊपर एक गिरने से लोग घायल हुए हैं।
इंदौर कलेक्टर इलैयाराजा ने बताया कि 19 लोगों को रेस्क्यू कर के सुरक्षित बाहर निकाला गया है। जो भी जिम्मेदार होगा, उस पर कठोरतम धाराओं में केस दर्ज होगा। घटना के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। घायलों और मृत परिवार को सहायता राशि दी जाएगी।
10 फीट पानी होने से बढ़ रहा मौत का आंकड़ा
लोगों ने बताया कि जिस बावड़ी में लोग गिरे हैं, उसमें करीब 10 फीट पानी भरा है। लोग गिरे, ऊपर से मलबा गिरा। इस वजह से जो लोग नीचे गिरे, उनकी मौत हुई है। मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। प्रशासन अब बावड़ी का पानी खाली कराने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद फिर गिरे लोगों की तलाश की जाएगी। बताया जा रहा है कि टीम ने जो नजर आ रहे थे वे सभी शव निकाल लिए हैं। 
हादसे में बचाए गए घायलों की लिस्ट जो एप्पल अस्पताल में भर्ती हैं- 
भारती गुलानी (28), महेश कौशल (49), रौनक पाल (37), ज्योति पटेल (55), लक्ष्मीनारायण शर्मा, ललित सेठिया (44), बेबी अलिना (7), बेबी वेदा (3), मुरली सबनानी (54), शांता पटेल (57), भावेश पटेल (37), लक्ष्मण दलवानी (53), पंकज पटेल (47), दीपा खानचंदानी (52), माया गुलानी (48), नंदनी दशोरे (15), आकाश मोटवानी (25), कनक पटेल (32)। हालांकि इनमें से दो की मौत हो गई है। 
मंदिर के अंदर बनी है बावड़ी
दरअसल, मंदिर में ही एक बावड़ी है, जिसकी छत धंस गई। उस समय मंदिर में हवन हो गया था और लोग बावड़ी पर बैठे थे। वजन बढ़ने से अचानक बावड़ी की छत भरभराकर ढह गई। लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही नीचे गिर गए। गिरने वालों में कुछ बच्चियां भी बताई जा रही हैं। रामनवमी होने से मंदिर में भीड़ भी अधिक थी। राहत की बात यह है कि स्थानीय लोगों ने तत्काल सक्रियता दिखाई और करीब दस लोगों को बाहर निकाल लिया।  
वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे 
अब तक दस लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर समेत पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। एसडीआरएफ की टीम भी फंसे लोगों को निकाल रही है। मंदिर से सभी श्रद्धालुओं को बाहर कर दिया गया है। एंबुलेंस भी पहुंच गई है। अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि जो लोग बाउडी में गिरे हैं, उनकी स्थिति कैसी है। उन्हें रस्सी से खींचकर बाहर निकालने का प्रयास भी किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में बेलेश्वर महादेव मंदिर के बावड़ी में श्रद्धालुओं के गिरने के बारे में संज्ञान लिया है। उन्होंने इंदौर कलेक्टर और कमिश्नर से बातचीत कर रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने के निर्देश दिए हैं। इंदौर पुलिस और जिला प्रशासन के आला अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं और उन्हें बावड़ी में फंसे श्रद्धालुओं को निकालने के लिए तेजी से काम करना होगा।
इंदौर में बावड़ी के ढंस जाने से कई लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना की जांच के निर्देश दिए हैं और सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में दिवंगत लोगों के परिजन को राहत राशि प्रदान करने के फैसले किए हैं और घायलों के इलाज के लिए भी धनराशि देने का फैसला किया है। यह स्थिति बहुत दुखद है और सभी को संवेदना और सहानुभूति बनाए रखना चाहिए।

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