शिवराज के जाल में फॅसे मंत्री-विधायक
भोपाल । मध्यप्रदेश में विकास यात्रा भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। उनके सिर पर टिकट कटने की तलवार लटक गई है। यह विकास यात्रा विधायकों की औकात यात्रा के तौर पर चर्चा का विषय बन गई है। क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास यात्रा के नाम पर भाजपा विधायकों की स्क्रुटनी कर डाली है। मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायकों को विकास यात्रा पर अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में भेज दिया। भाजपा के विधायक सरकार द्वारा विकास के कोई काम न किए जाने के कारण जनता के कोप भाजन बन रहे हैं। जनता इन विधायकों का विरोध कर रही है। अब स्थिति यह है कि दो चार माह बाद जब भाजपा के विधायकों की टिकट उनके परफारमेंस के आधार पर देने की बात कही जाएगी, तब इन विधायकों से पूछा जाएगा कि जब आपका आपके निर्वाचन क्षेत्र में ही विरोध हो रहा है तो फिर टिकट देने से क्या लाभ? अब भाजपा के विधायकों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गणित समझ में आ गया है। वह फिलहाल तो कुछ नहीं कह पा रहे लेकिन समझ सब रहे हैं। भाजपा विधायकों को चिंता सता रही है कि काम शिवराज की सरकार ने नहीं किया और सिर पर ओले उनके हिस्से में आने वाले हैं। विधायक लाख कहें कि यह विरोध उनका नहीं, बल्कि सरकार के क्रियाकलापों का है। जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप विकास कार्य नहीं हुए, यह विरोध इसलिए है। लेकिन माना तो यही जाएगा कि विधायकों का उनके क्षेत्र में विरोध है। ऐसी स्थिति में यह विधायक कहीं के नहीं रह जाएंगे। पूरे प्रदेश में विकास यात्रा के दौरान जिस तरह के नजारे सामने आ रहे हैं, जनता भाजपा की सरकार से नाराज होकर भाजपा के विधायकों की क्लास लगा रही है, उससे इन विधायकों के चेहरे की रंगत उड़ गई है। यह तो तय है कि भाजपा बड़े पैमाने पर अपने विधायकों की टिकट काटेगी। कांग्रेस से भाजपा में पहुंचे दो दर्जन विधायकों के साथ क्या होने वाला है, यह तो वही समझ सकते हैं लेकिन जिस तरह से भाजपा के लिए संघर्ष करते हुए जो मूल भाजपाई आज विधायक हैं, वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो गए हैं।