Uncategorized
विधायकों-सांसदों को वेतन आज की परिस्थिति के हिसाब से मिले
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की मांग
भोपाल ।पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा है कि अगर विधायकों-सांसदों को ईमानदारी की राह पर चलना आसान बनाना है तो चैतन्य कश्यप जैसे पूंजीपति विधायकों को छोडक़र सभी विधायकों की तनख्वाह और दूसरे भत्ते आज की परिस्थितियों को देखकर मिलना चाहिए। उन्होंने बुधवार एक्स पर लिखा कि हाल ही में मंत्री बने और रतलाम के एक संपन्न जैन व्यवसायी चैतन्य कश्यप ने अपनी संपत्ति 296 करोड़ रुपए घोषित की है। अभी कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश के अखबारों में उनकी तारीफ लिखी थी कि वे विधायक पद का अपना वेतन नहीं लेते हैं, जो साल भर का करीब 12 लाख रुपए होता है।
उमा ने आगे लिखा, 296 करोड़ वाला व्यक्ति अगर सरकार के 12 लाख छोड़ देता है तो इसमें कौन सी बड़ी बात है? चैतन्य कश्यप सरकार को वेतन वापस करने के बजाय यह राशि अभावग्रस्त लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करें। हमें यह याद रखना पड़ेगा कि सभी विधायक बड़े व्यवसायी नहीं होते और न वे राजनीति से अपना व्यवसाय बढ़ाते हैं। उन्होंने लिखा कि एक बार सांसद वरुण गांधी ने कहा था कि सांसदों को तनख्वाह और पेंशन नहीं लेना चाहिए। वरुण गांधी ऐसा कर सकते हैं, क्योंकि वो हजारों-करोड़ों की पैतृक संपत्ति के मालिक हैं। अपना सर्वस्व त्यागकर राजनीति के माध्यम से जनसेवा करने वाले जनप्रतिनिधियों को हर तरह की सहूलियत सरकार से मिलनी चाहिए।