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मणिपुर राइफल्स के शिविर पर भीड़ का हमला

आर्मरी से हथियार लूटना चाहते थे लोग; सुरक्षाबलों ने हवाई फायरिंग कर भगाया

इंफाल । मणिपुर के इंफाल में बुधवार देर रात भीड़ ने मणिपुर राइफल्स के शिविर पर हमला किया। भीड़ का मकसद मणिपुर राइफल्स के शस्त्रागार को लूटना था। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों ने कई राउंड हवाई फायरिंग कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया। इस दौरान कुछ लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद इंफाल में कफ्र्यू लगा दिया गया है। वहीं, टेंग्नौपाल जिले के मोरेह शहर में अतिरिक्त पुलिस कमांडो की तैनाती के विरोध में एक आदिवासी छात्र संगठन ने बुधवार देर रात से 48 घंटे के बंद का ऐलान किया है।
भीड़ ने इंफाल पश्चिम जिले में राजभवन और मुख्यमंत्री ऑफिस के पास स्थित मणिपुर राइफल्स शिविर को निशाना बनाया था। भीड़ मोरेह में एक पुलिस अफसर की हत्या को लेकर नाराज थी और उसके विरोध में हथियारों की मांग कर रही थी। बुधवार दोपहर में मणिपुर पुलिस ने 44 लोगों को हिरासत में लिया। रिपोट्र्स के मुताबिक, इसमें से 32 लोग म्यांमार के नागरिक हैं। इन पर एक दिन पहले टेंग्नौपाल जिले के मोरेह इलाके में पुलिस अफसर की हत्या और पुलिस कमांडो टीम पर हमला करने का आरोप है।
पुलिस ने निर्दोष ग्रामीणों को गिरफ्तार किया
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने दवा किया है कि मोरेह में मैतेई पुलिस कमांडो ने कुकी-जो आदिवासियों को परेशान करना शुरू कर दिया है। आज उन्होंने एक दिव्यांग सहित 12 निर्दोष ग्रामीणों को उनके घरों से गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि असम राइफल्स ने पुलिस कमांडो को मोरेह तक पहुंचाया और ऑपरेशन के दौरान उन्हें खुली छूट दी। यहां पर कफ्र्यू लगाया गया है, जिससे लोग राशन तक नहीं खरीद पा रहे हैं। आईटीएलएफ ने यह भी दावा किया कि पुलिस कमांडो ने कल मोरेह के रास्ते में पडऩे वाले सिनम गांव में आदिवासियों के घरों को लूटकर जला दिया था। उन्होंने चिकिम गांव में बनी वॉल ऑफ रिमेंबरेंस को भी आग लगा दी थी।

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