Uncategorized

वैदिक जी की कलम में मां सरस्वती का वास था: शिवराज

मेरे पथ प्रदर्शक थे वैदिक जी: विश्वास सारंग

हिंदी जगत ने एक योद्धा खो दिया: कुलपति प्रो केजी सुरेश
भोपाल । वरिष्ठ पत्रकार स्व वेदप्रताप वैदिक जी की स्मृति में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के एमपी नगर स्थित विकास भवन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वेदप्रताप वैदिक जी की कलम में मां सरस्वती का वास था। उन्होंने कहा कि अभी भी यकीन नहीं होता कि वैदिक जी हमारे बीच में नहीं हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि फोन पर उनसे लगातार चर्चा होते रहती थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जे एन यू में वैदिक जी की हिंदी में लिखी पीएचडी और उसके बाद के आन्दोलन का विशेष रुप से जिक्र किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदी में हस्ताक्षर का अभियान वैदिक जी ने ही चलाया था और हजारों लोगों ने हिंदी में हस्ताक्षर करना भी शुरु कर दिया। श्री चौहान ने कहा कि जिस तरह वैदिक जी हिंदी को बढ़ावा देते थे, उसी तरह मध्यप्रदेश सरकार भी मेडिकल की कुछ सीटें सिर्फ हिंदी के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित रखेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि वैदिक जी की स्मृति को चिरस्थाई बनाया जायेगा। और उनकी स्मृति में उनके परिवार से विचारर विमर्श के पश्चात सड़क, भवन या व्याख्यान माला आदि आयोजित किए जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वरिष्ठ पत्रकार एवं नई दुनिया के संपादक श्री अभय छजलानी जी के निधन पर भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वे एक बहुत अच्छे पत्रकार,संपादक एवं समाज सेवक । उनके जाने से पत्रकारिता जगत को बहुत बड़ी क्षति हुई है।  
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केजी सुरेश ने कहा कि उनके संबंध वैदिक जी बहुत पुराने थे। वैदिक जी पीटीआई के संस्थापक संपादक थे एवं वे संवाददाता थे । प्रो सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता में उनसे काफी कुछ सीखने को मिला। प्रो सुरेश ने कहा कि अंग्रेजी से उनका कोई विरोध नहीं था, लेकिन हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में विश्व में स्थान दिलाने के लिए उनका सदैव प्रयास रहता था। कुलपति प्रो सुरेश ने कहा कि उनके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेताओं से बहुत मधुर संबंध थे, लेकिन उन्होंने राष्ट्र हित से कभी भी समझौता नहीं किया । प्रो सुरेश ने कहा कि हिंदी जगत के लिए वे एक योद्धा पत्रकार थे और हिंदी जगत ने एक योद्धा खो दिया है । 
कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि एक पथ प्रदर्शक के रूप में उन्होंने हमेशा उन्हें राह दिखाई है । उन्होंने कहा कि वैदिक जी के साथ उनके एवं उनके पिताजी के साथ भी मधुर थे। उन्होंने कहा कि उनकी मेडिकल की पढ़ाई में वैदिक जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रसार भारती भर्ती बोर्ड के चेयरमैन जगदीश उपासने ने कहा कि हिंदी को विश्व पटल पर लाने का श्रेय वैदिक जी को जाता है। श्री उपासने ने कहा कि वैदिक जी वेद के और धर्म के भी विद्वान थे।  
इससे पूर्व श्री वैदिक जी पर विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया भी किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी, जिसका अवलोकन मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा किया गया। श्री वैदिक जी पर विश्वविद्यालय द्वारा निकाले गए विकल्प विशेषांक का भी इस अवसर पर विमोचन किया गया।श्रद्धांजलि सभा में कुलसचिव डा अविनाश वाजपेयी, विश्वविद्यालय के शिक्षक,अधिकारी,भोपाल के साथ ही मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार,संपादक गणमान्य नागरिक, विद्यार्थी एवं विशेष रूप से इंदौर से वैदिक जी के बेटे भी उपस्थित थे।

Related Articles