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Mp bhopal formar news : किसानों को कम मुआवजा देने की हो रही साजिश : कुणाल चौधरी

  -कंपनियों के दबाव में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का नहीं हुआ सर्वे

Bhopal :  मप्र में अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के बाद से ही किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरने में लगी हुई है। ओलावृष्टि के बाद सरकार द्वारा कराएं गए खराब फसलों के सर्वे को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी का आरोप है कि सरकार ने नुकसान का सर्वे कराने की बातें कहकर कर वाहवाही लूटने का काम किया है। चौधरी ने कहा कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुजालपुर के दौरे पर जाएंगे। मैं उनसे अनुरोध करता हूं मेरे साथ चलें मैं उन्हें उन किसानों से मिलवाउंगा जो ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हो गए। पीसीसी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कुणाल चौधरी ने आरोप लगाए कि शिवराज सरकार फसलों के सर्वे का फर्जी आंकड़ा पेश कर किसानों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेकने का काम कर रही है। जबकि हकीकत यह है कि किसी भी जिले में आज तक कोई सर्वे नही करवाया गया। चौधरी ने कहा कि प्रदेश की मंडियों के हाल बेहाल हैं। किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। बिना समर्थन मूल्य फसल बिकवाने किसानों से शपथ पत्र भरवाया जा रहा है। कुणाल चौधरी ने कहा कि किसानों के नाम पर सरकार उद्योगपतियों, बीमा कंपनियों को दोहरे लाभ दे रही है। कांग्रेस किसानों की लड़ाई को सदन से सड़क तक लड़ती रहेगी।
– 27 मार्च को बंद कर दी खरीदी
कालापीपल विधायक कुणाल चौधरी ने कहा किसानों की खरीदी के नाम मंडियों में केवल खानापूर्ति हो रही है। ओलावृष्टि, अतिवृष्टि से जहां किसानों को फसलों का भारी नुकसान हुआ है, वहीं सरकार मुआवजा देने के नाम पर कागजी सर्वे कराकर अपनी इतिश्री कर रही हैं, इतना ही नहीं कुछ स्थानों पर तो सर्वे ही नही कराये गये है। बीते 25 मार्च से 27 मार्च तक किसानों की फसल की खरीदी की गई है और 27 मार्च को खरीदी बंद कर दी गई। कांग्रेस पार्टी ने सरकार के इस निर्णय पर आक्रोश जताते हुए दबाव बनाया खरीदी प्रारंभ की गई पर स्लाट बुकिंग में आधार कार्ड लिंक कराने के नाम पर किसानों को बेवकूफ बनाया गया।
– गीला गेहूं बताकर किसानों को मंडियों से लौटा रहे
चौधरी ने कहा सर्वेयरों द्वारा फसल को गीला बताकर वापिस किया जा रहा है, जिसके कारण किसान को मंडियों में अपनी फसल ओने-पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है। 2 सरकार ने आदेश जारी किया कि किसान की कोई भी फसल मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे नहीं बिकेगी, पर सभी मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे फसल बिक रही है और सरकार इस पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। कांग्रेस के दबाव में सरकार ने सोसायटी भरने की तारीख आखिरी अप्रैल तक निर्धारित की, पर अभी से सोसायटी कटोत्री के रूप में बिल के माध्यम से पहले ही काट रही है। किसानों को सरकार ने बिल में लिखित में दिया था कि 7 दिनों के भीतर आपको राशि खाते में आयेगी, लेकिन पूरा एक महीना बीतने के बाद भी राशि किसानों के खातों में नहीं पहुंची है।
– बीमा कंपनियों के दबाव में कम दिया जा रहा मुआवजा
सरकार द्वारा कहा गया कि बीमा कंपनियों को किसानों की ओर से राशि भेजी जायेगी, जो किसानों को मिलेगी, लेकिन उसमें भी बड़ा घोटाला किया जा रहा है। सरकार ने प्रदेश भर के किसानों के लिए मुआवजे के नाम पर केवल 64 करोड़ है। का प्रावधान किया है, इसका सीधा मतलब यह है कि बीमा कंपनियों द्वारा मुआवजे के नाम पर केवल रस्म अदायगी करने की योजना सरकार के इशारे पर बनायी गई है। क्योंकि सरकार ही पैसा कम देगी तो बीमा कंपनी किसानों को पैसा कहां से देगी। वेयरहाउस लाबी के दवाब के कारण ये फैसला कर रहें हैं कि किसान अपना गेंहू लेकर वेयर हाउस क्यों जाएं?  

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