Uncategorized

कोलार के थुआँखेड़ा में नगर निगम का पहला एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर अगले 15 दिन में शुरू

निजी एजेंसी का ठेका खत्म, अब निगम संभालेगा जिम्मेदारी
– शहर में आवारा कुत्तों की नसबंदी बढ़ाने के लिए निगम अप्रैल तक 4 एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर शुरू कर देगा, 4 गुना बढ़ जाएगी नसबंदी
– रोज़ाना 200 कुत्तों की नसबंदी हो तो तीन साल में घटेंगे स्ट्रीट डॉग्स 
भोपाल। आवारा कुत्तों की आबादी पर नियंत्रण करने के लिए नगर निगम ने 200 कुत्तों की रोजाना नसबंदी का लक्ष्य लेकर काम करना शुरू कर दिया है।  इसके लिए अगले 15 दिन में शहर में नगर निगम के खुद का एबीसी सेंटर शुरू हो जाएगा। अगले दो माह में कोई चार सेंटर शुरू करने का लक्ष्य है।
अभी जो रोजाना 25- 30 कुत्तों की नसबंदी की कवायद की जा रही हैं वह मामूली है। रोजाना 200 कुत्तों की रोजाना नसबंदी करने पर भी करीब तीन साल में कुत्तों की घटती आबादी की स्थिति बनेगी। पशु विशेषज्ञ इसके श्रीवास का कहना है कि अभी जो पिल्ले है, उनके वयस्क होने तक नसबंदी का बड़ा प्रोग्राम करना होगा। यदि शहर में एक लाख वयस्क कुत्ते हैं तो इनमें से 70 फीसदी की इसी वर्ष नसबंदी करने पर फोकस करना होगा, तभी 2 से तीन साल में परिणाम सामने आएंगे। 
अभी शहर भर में डेढ़ लाख से अधिक कुत्ते मोहल्ले और गलियों में भटक रहे हैं। यहां मांस मटन की दुकानों का अपशिष्ट खाकर वे खूंखार और शिकारी बन रहे हैं। 
कुत्तों की बढती आबादी पर एनजीओ पर हो कार्रवाई 
– नगर निगम ने कुत्तों की नसबंदी का काम एनजीओ को दिया हुआ है। वर्ष 2014 से लगातार कुत्तों की नसबंदी का काम किया जा रहा है। सात साल बाद भी कुत्तों की आबादी पर बिल्कुल भी नियंत्रण नहीं है। ऐसे में शहरवासी अब संबंधित एनजीओ पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। एक्टिविस्ट आरएस खंडेलवाल का कहना है कि एनजीओ को यह जिम्मेदारी लेना होगी कि उसकी नसबंदी के बाद भी आबादी बढ़ रही है। यानी या तो नसबंदी ठीक नहीं है या फिर पर्याप्त नहीं है। ऐसे में आगे जिसे भी काम दे, उससे लक्ष्य तय किया जाए। आबादी नहीं बढना चाहिए। आबादी बढे तो जुर्माना और कार्रवाई का प्रावधान हो। 
इनका कहना है
नगर निगम खुद के एबीसी सेंटर शुरू कर रहा है। कुत्तों की नसबंदी में तेजी आएगी। इससे शहर में डॉग बाइट की घटना में भी कमी होकर लोगों को राहत मिलेगी।
–  केवीएस चौधरी निगमायुक्त

Related Articles