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new dehli mudra yajna news : सरकार ने 23.2 लाख करोड़ का मुद्रा लोन बांटा
New dehli : सूक्ष्म, लघु व मध्यम स्तर के उद्योगों (एमएसएमई) को ऋण मुहैया कराने वाली मुद्रा योजना के तहत आठ वर्ष में 40 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को 23.2 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है। इसके लाभार्थियों में 51 आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के लोग हैं। 68 फीसदी ऋण खाते महिलाओं के नाम खुले हैं। एमएसएमई के जरिये अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और जमीनी स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने के मकसद से शुरू की गई इस ऋण योजना से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 1.12 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। योजना के कुल लाभार्थियों में से आठ करोड़ (21 फीसदी) पहली पीढ़ी के उद्यमी हैं। ये वे लोग हैं, जिनकी कारोबारी या व्यावसायिक पृष्ठभूमि नहीं रही है। इस योजना में शिशु ऋणों के त्वरित पुनर्भुगतान पर ब्याज में दो फीसदी की छूट भी मिलती है।योजना के तहत व्यवसाय की परिपक्वता स्थिति के आधार पर शिशु, किशोर व तरुण श्रेणियों में ऋण दिया जाता है। शिशु श्रेणी में 50,000 रुपए, किशोर श्रेणी में 5 लाख रुपए तक और तरुण श्रेणी में 10 लाख रुपए तक के ऋण दिए जाते हैं। कृषि से संबद्ध गतिविधियों जैसे पोल्ट्री, डेयरी, मधुमक्खी पालन। इसके अलावा विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों की गतिविधियों के लिए इस योजना के तहत ऋण दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना को भारतीयों के लिए अपना उद्यमिता कौशल दिखाने का जरिया बाताते हुए कहा कि मुद्रा योजना ने अनफंडेड की फंडिंग कर अनगिनत भारतीयों के लिए सम्मान के साथ-साथ समृद्धि का जीवन सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है। आज मुद्रा योजना के आठ वर्ष पूरे होने पर उन सभी लोगों की उद्यमशीलता और उत्साह को सलाम है, जो इससे लाभान्वित हुए और धन सृजक बने।