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नीरव मोदी, ललित मोदी पिछड़े नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी के बिछड़े भाई हैं : पवन खेड़ा

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दोस्त अदानी के लिए 18-18 घंटे काम करने में व्यस्त 

अदानी घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति की जांच से क्यों डर रही है मोदी सरकार
मुंबई । अदानी उद्योग समूह में किसने 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया है ? इस निवेश में चीन का एक नागरिक शामिल है और वह चीनी नागरिक कौन है? कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह मुद्दा इसलिए उठाया है, क्योंकि देश की जनता को इसकी जानकारी होनी चाहिए। अदानी घोटाले में दूध का दूध और पानी का पानी करना ही है तो इसके लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन कर पूरे मामले की जांच कराई जानी चाहिए। यह मांग कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने की है। उन्होंने कहा कि अगर कोई घोटाला नहीं हुआ है तो मोदी सरकार जेपीसी की जांच से क्यों डर रही है? अदानी घोटाले को लेकर कांग्रेस नेताओं ने बुधवार को देश भर में 35 जगहों पर डेमोक्रेसी डिस्क्वालीफाईड नाम से प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुंबई के गांधी भवन में पत्रकारों से बात करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार अदानी समूह की कंपनियों पर विशेष मेहरबानी कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब विदेश यात्रा करते हैं तो अदानी भी उनके साथ होते हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मोदी ने अदानी को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए एसबीआई से कर्ज देकर मेहरबानी दिखाई थी। मोदी ने अदानी समूह को श्रीलंका में पॉवर सेक्टर का कांटेक्ट दिलाने के लिए वहां की सरकार पर दबाव डाला था। मोदी ने बांग्लादेश में बिजली आपूर्ति का ठेका अदानी को दिलाने के लिए भी वहां की सरकार पर दबाव बनाया। एलआईसी निवेशकों के 33 करोड़ रुपए का निवेश भी अदानी की कंपनी में किया गया है। आम लोगों का यह पैसा अदानी घोटाले की वजह से खतरे में है। बड़ा सवाल यह है की आम जनता के पैसे की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? यह ज्वलंत प्रश्न हैं। जिसका जवाब मोदी सरकार को देना चाहिए। सरकारी एजेंसियों का दबाव और छापा मार कर कई महत्वपूर्ण उद्योग अदानी को सुपुर्द कर दिए गए हैं।
पवन खेड़ा ने कहा कि अदानी और मोदी के बीच क्या संबंध है? संसद में ऐसा सवाल उठाकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। लेकिन मोदी सरकार ने संसद की कार्यवाही से राहुल गांधी के भाषण का एक बड़ा हिस्सा हटा दिया। अदानी पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सवाल को भी संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया। आखिर अदानी मामले पर पूछे गए सवाल से मोदी सरकार इतना क्यों डर रही है ? राहुल गांधी ने 7 फरवरी को संसद में अदानी -मोदी के रिश्ते का मुद्दा उठाया और उसके 9 दिन बाद सूरत की अदालत में लंबित एक पुराने मामले में बुलेट ट्रेन की गति से भी तेज कार्रवाई करते हुए उसे खोल दिया गया। 23 मार्च को राहुल गांधी को 2 साल की सजा हुई और 24 घंटे के अंदर उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। मोदी सरकार यहीं नहीं रुकी बल्कि राहुल गांधी को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस भी भेज दिया। राहुल गांधी ने देश के 140 करोड़ लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है। वे मोदी से सीधे सवाल पूछने से नहीं डरते। लेकिन 56 इंच का सीना और 303 सांसदों का भारी बहुमत होने के बावजूद मोदी सरकार संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा जांच किए जाने से क्यों डर रही है ?
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी का यह आरोप झूठा और हास्यास्पद है, जिसमें उनका कहना है कि राहुल गांधी ने ओबीसी समाज का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि नीरव मोदी, ललित मोदी पिछड़े नहीं, बल्कि मोदीजी के बिछड़े हुए भाई है। खेड़ा ने तंज कसते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी अपने दोस्त गौतम अदानी के लिए रोजाना दिन में 18-18 घंटे काम करते हैं।
– महा विकास अघाड़ी मजबूत है
पवन खेड़ा ने कहा कि सावरकर मुद्दे पर महाविकास आघाड़ी में फूट के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है ।हमारी अघाड़ी पूरी तरह से मजबूत है। हर पार्टी के अपने- अपने विचार होते हैं । हमारे गठबंधन में हर कोई अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है। लोकतंत्र में संवाद महत्वपूर्ण है और यह आज भी महाविकास आघाड़ी में कायम है। खेड़ा ने कहा कि देश के ज्वलंत मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा द्वारा सावरकर के मुद्दे को तूल दिया जा रहा है। क्या भारतीय जनता पार्टी स्वीकार करती है कि, सावरकर ने छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के बारे में क्या लिखा है? बीजेपी को इसका जवाब देना चाहिए। इस प्रेस कांफ्रेंस में प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे, प्रवक्ता चरण सिंह सप्रा, डॉ. राजू वाघमारे, काकासाहेब कुलकर्णी, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष संध्या सव्वालाखे, प्रदेश महासचिव देवानंद पवार और प्रदेश महासचिव राजेश शर्मा मौजूद थे।                          

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