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न सोने की जगह, न नहाने को पानी, ‎तिहाड़ जेल में क्षमता से ज्यादा कैदी

 नई दिल्ली। देश की तिहाड़ जेल में क्षमता से कहीं ज्यादा कैदियों को रखे जाने से भारी मु‎श्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भीड़ ज्यादा होने से यहां कैदियों को नहाने और टॉयलेट जाने तक के लिए लाइनों में लगना पड़ रहा है। एक-एक घंटे बाद कैदियों का नंबर आ रहा है।

देश की तिहाड़ जेल जैसी बड़ी जेल में कैदियों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि वहां जेल में रखे जाने वाले लोगों को बुरी तरह से प्रभावित कर रही है। यह समस्या समाधान के लिए बहुत अहम है और इसे जल्द से जल्द संभव हल किया जाना चाहिए।
इस समस्या को हल करने के लिए तिहाड़ जेल की प्रबंधन को नई जेल बनाने की योजना बनानी चाहिए जिससे कि जेल में कैदियों को आराम से रखा जा सके। साथ ही जेल में टॉयलेट, नहाने के व्यवस्था और खाने की व्यवस्था को भी सुधारा जाना चाहिए।
इसके अलावा तिहाड़ जेल की प्रबंधन को कैदियों को सही ढंग से देखभाल करने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए। इसके लिए सरकार को अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है ताकि वे सुधार करने में योगदान कर सकें।
इस समस्या का समाधान न करने से कैदियों को होने वाली परेशानी को देखते हुए उनका संचार उनके परिवार के साथ भी रुक सकता है। 
 जेल सूत्रों ने बताया कि नौ जेलों के कैंपस वाली तिहाड़ जेल में यूं तो जेल नंबर-1, 3 और 4 में क्षमता से कहीं अधिक कैदी बंद हैं। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यहां की जेल नंबर-4 में आना शुरू हो गई है। हद तो तब हो गई जब यहां 740 कैदियों को रखने की क्षमता वाली इस जेल में कैदियों की संख्या 3700 को पार कर गई है। ‎तिहाड़ में इन ‎दिनों क्षमता से पांच गुना से भी अधिक कैदी बंद हैं। 
इस मामले में तिहाड़ जेल के प्रवक्ता अरविंद कुमार ने ईएमएस को बताया कि तिहाड़ की जेल नंबर-4 में क्षमता से पांच गुना से भी अधिक कैदी हो गए हैं। तिहाड़ की जेल नंबर-4 में कैदियों को रखने की क्षमता 740 कैदियों की है, लेकिन यहां 3750 कैदी बंद हैं। जेल अधिकारियों का कहना है कि मामले पर लगातार नजर रखी जा रही है। इतनी बड़ी संख्या में कैदियों के लिए खाना बनाने के लिए हर दिन करीब 125 कैदियों को लगाना पड़ रहा है। सोने के लिए भी इस जेल में कैदियों के लिए जगह कम पड़ रही है। तिहाड़ की इस अकेली जेल नंबर-4 में कैदियों की संख्या छह जेलों के कैंपस वाली मंडोली जेल के लगभग बराबर हो गई है। छह जेलों वाली मंडोली जेल में 3800 से ज्यादा कैदी हैं, जबकि इस अकेली जेल नंबर-4 में कैदियों की संख्या 3700 से अधिक पहुंच चुकी है। 
इस जेल में फिलहाल कैदियों को पीने के पानी और खाने की दिक्कत नहीं होने दी जा रही है। भीड़ ज्यादा होने से कैदियों पर नजर रखने में भी दिक्कत हो रही है। कोरोना काल में जिन कैदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत ‎मिली थी उन्हें 15 दिनों के अंदर सरेंडर करने के आदेश दिए गए हैं। ऐसे में जेलों में कैदियों की संख्या और भी बढ़ने से भारी मु‎श्किलें हो सकती हैं।                         

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