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अब फूलछाप कांग्रेसियों की ख़ैर नहीं, संगठन ने गाज गिराना किया शुरू

टीकमगढ़ । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पार्टी की नजर में संदिग्ध माने जा रहे कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष महेश यादव काे पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाना ही उचित समझा, क्योंकि इन्होंने पंचायत चुनाव में अपनी धर्मपत्िन को जतारा जनपद अध्यक्ष की कमान दिलाने में कुछ भाजपा विधायकों का सहारा लिया था जिसकी फोटो भी वायरल हुई थी। म.प्र. में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव उपरांत टीकमगढ़ विधानसभा के अधिकृत प्रत्याशी ने इनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों से संबंधित शिकायत संगठन स्तर पर दर्ज कराई, जिसमेंे पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने महेश यादव के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए इन्हें छह वर्ष के लिए निष्काषित करने का निर्णय लिया है।

पार्टी जिलाध्यक्ष नवीन साहू ने बताया कि पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष एवं मौजूदा प्रदेश सचिव अंबिका प्रसाद उर्फ महेश यादव के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस कमेटी को एआईसीसी के पर्यवेक्षक एवं टीकमगढ़ के अधिकृत प्रत्याशी से तथ्यात्मक रूप से जानकारी प्राप्त हुई थी कि इनके द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलग्न रहकर पार्टी प्रत्याशी के विरोध में कार्य किया जा रहा है जो एक अनुशासनहीनता का प्रतीक माना जाता है। जिसको लेकर पार्टी ने इन्हें कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से छह वर्ष के लिए िनष्कासित कर इनको बाहर का रास्ता दिखाना ही उचित समझा।
संगठन ने पुन: जताया था भरोसा , मगर फिर भी खरे उतरने में रहे विफल :
कांग्रेस प्रदेश संगठन ने विधानसभा चुनाव के पूर्व महेश यादव पर भरोसा जताते हुए इन्हें प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी। ताकि यह ईमानदारी से पार्टी संगठन का काम करें। महेश के अलावा ऐसी महात्वपूर्ण जिम्मेदारी संगठन ने अनेक लोगों को सौंपी थी। जिसमें महेश यादव संगठन पर खरे नहीं उतर पाए और उन्होंने पार्टी का चोला ओड़ कर घर का भेदी लंका ढ़ाए का काम किया। इन्होंने अपनी विफलताएं उजागर न होने के भय से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होना ही उचित समझा। जिसका खामियाजा उन्हें बुधवार के दिन भुगतना पड़ा। हालांकि जब वह जिलाध्यक्ष का दायित्व संभाल रहे थे, तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार 15 माह के लिए आई थी। उस समय का कार्यकाल ही उनका किसी से छिपा नहीं है कि उन्होंने सत्ताधारी दल के जिलाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए पार्टी हित में क्या कुछ नहीं किया। यह कह पाना भी बड़ी ही मुश्िकल सी बात है।
इनका कहना है : महेश यादव के विरूद्ध तथ्यात्मक शिकायतें प्रदेश संगठन के पास विधानसभा चुनाव के बाद पहुंची थी। जिसमें प्रदेश संगठन में इनके मामले को संज्ञान में लेते हुए इसकी जानकारी की और महेश के विरूद्ध संपूर्ण जानकारियां सही पाए जाने पर पार्टी ने यह निर्णय लेना ही उचित समझा। हालांकि पार्टी संगठन ने इसकी पुष्िट मुझसे भी की थी।
-नवीन साहू, कांग्रेस जिलाध्यक्ष, टीकमगढ़

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