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मेडिकल विश्वविद्यालय लाखों छात्र छात्राओं के भविष्य से कर रहा खिलवाड़ : एनएसयूआई

एनएसयूआई मेडिकल विंग ने मेडिकल विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर राज्यपाल को पत्र लिखा


नर्सिंग और पैरामेडिकल के लाखों छात्र-छात्राओं को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रमोशन की मांग
विश्वविद्यालय की लापरवाही से नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्र छात्राओं की तीन साल से नहीं हुई परीक्षाएं

भोपाल । मध्य प्रदेश की एकमात्र मेडिकल विश्वविद्यालय लगातार छात्र छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ करने में प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में मशहूर है। आए दिन विश्वविद्यालय नये-नये फर्जीवाड़े के कारण सुर्खियों में बना रहता है। इस बार फिर फर्जी नर्सिंग कॉलेजों और पैरामेडिकल कालेजों को मान्यता देने के चक्कर में विश्वविद्यालय ने लाखों नर्सिंग और पैरामेडिकल के छात्र छात्राओं के 3 साल बर्बाद कर दिये।
एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार ने महामहिम राज्यपाल को इस संबंध में पत्र लिखकर मेडिकल विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताएं और अव्यवस्थाओं पर संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए कहा कि मेडिकल विश्वविद्यालय से 1 हजार के लगभग कालेज को संबद्धता प्राप्त हैं लेकिन विश्वविद्यालय के अधिकारियों और कार्यपरिषद सदस्यों की मिलीभगत से विश्वविद्यालय द्वारा कागजों में संचालित फर्जी नर्सिंग और पैरामेडिकल कालेजों को मान्यता देने का सिलसिला लगातार जारी हैं 2020-21 सत्र की मान्यता अभी तक दी जा रही जिसकी वजह से लाखों छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो चुका है।
रवि परमार ने कहा कि विश्वविद्यालय 2020-21 में प्रवेशित छात्र छात्राओं की परीक्षाएं अभी तक नहीं करवा सका जिसकी वजह से छात्र छात्राओं के तीन साल बर्बाद हो गए। छात्र छात्राएं अपने भविष्य को लेकर अत्यधिक चिंतित हैं क्योंकि जिन छात्र छात्राओं का 2 साल का कोर्स था उनको तीन साल हो चुके लेकिन अभी तक प्रथम वर्ष की परीक्षा तक नहीं हुए यहीं हाल 4 साल के कोर्स वाले स्टूडेंट्स का है। 3 साल बीतने के बाद भी प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं ऐसे में छात्र छात्राओं को अपनी डिग्री कब मिलेगी
परमार ने महामहिम राज्यपाल से आग्रह किया कि विश्वविद्यालय परीक्षा करवाने में असमर्थ हैं तो फिर छात्र छात्राओं का आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा प्रमोशन करना ही उचित है जिससे कि छात्र छात्राएं अगले वर्ष की पढ़ाई कर सकें और उनका जो साल बर्बाद हुए हैं उससे उनको राहत मिल सकें
रवि ने विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद के दोनों सदस्यों के ऊपर पर भी कड़ी कार्यवाही करने की मांग करते हुए कहा कि छात्रहित में विश्वविद्यालय में अनियमितता और अव्यवस्था फैलाने में मुख्य भूमिका निभाई रहे कार्यपरिषद के सदस्यों को तत्काल बर्खास्त करें और नर्सिंग पैरामेडिकल के लाखों छात्र-छात्राओं के हित को ध्यान में रखते हुए उन्हें आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोशन देने के निर्देश जारी करें।

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