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ओपीएम प्रबंधन ने नहीं चुकाया लाखों का मंडी टैक्स, मंडी समिति ने जब्त किए दो ट्रक

 शहडोल । जिले में ओरिएंट पेपर मिल ने बांस खरीदने के लिए मंडी टैक्स नहीं चुकाया। इस पर मंडी समिति ने उसके बांस से भरे दो ट्रक जब्त कर लिए।

एशिया की बड़ी कागज मिलों में शुमार ओरिएंट पेपेर मिल अमलाई प्रबंधन ने बांस क्रय करने में लाखों के मंडी टैक्स का भुगतान नहीं किया है। मंडी समिति ने कई बार पत्राचार किया। इसके बाद भी जब लाखों का बकाया मंडी टैक्स नहीं चुकाया तब मंडी समिति ने कार्रवाई शुरू कर दी। असम से ओपीएम आने वाले बांस से लदे ट्रकों को जब्त करना शुरू कर दिया।
इसी कड़ी में मंगलवार को ट्रक क्रमांक यूपी72-पी-8756 व ट्रक क्रमांक एमएच-18-बीजी-7652 को जब्त कर लिया। इसमें क्रमशः 16.12 टन व 21.77 टन बांस लोड था। लालपुर हवाई अड्डे के पास जब्त इन वाहनों के चालक से पूछताछ करने पर उक्त ट्रक में बांस विक्रेता करने वाली फर्म का नाम क्रमशः एके इंटरप्राइजेज असम तथा दुर्गा ट्रेडिंग कंपनी असम के रूप में हुई है। बांस से लदे वाहनों के जब्त होने के बाद ओपीएम प्रबंधन से मंडी टैक्स जमा करने के बारे में पुनः बात की गई लेकिन वहां से कोई सार्थक जवाब नहीं मिला। न ही मिल का कोई अधिकृत अधिकारी मंडी कार्यालय आकर बांस से लदे जब्त ट्रकों की जानकारी लेने आया। उक्त कार्यवाही में मंडी के सहायक उपनिरीक्षक जीपी बांधव समेत रामनाथ बैगा व अशोक कुमार पाण्डेय की सराहनीय भूमिका रही।
हाईकोर्ट खारिज कर चुका है याचिका
जब्ती के संबंध में मंडी समिति बुढ़ार के सचिव रमेश लाल वनवासी ने बताया कि प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों से बांस मध्यप्रदेश में आने पर नियमानुसार मंडी टैक्स का भुगतान संबंधित मंडी समिति को किए जाने का प्रावधान है। ओपीएम प्रबंधन अन्य राज्यों से बांस क्रय तो करता है लेकिन मंडी टैक्स देने में आनाकानी करता है। पूर्व में ओपीएम द्वारा इसे लेकर उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक /11271/2016 विरुद्ध मध्य प्रदेश शासन लगाई गई थी। इसमें प्रदेश के बाहर से आने वाले बांस पर मंडी टैक्स नहीं अदा करने को चुनौती दी गई थी। न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद वर्ष 2020 से लेकर अब तक लाखों रुपये मंडी टैक्स का भुगतान बाहरी राज्य से आने वाले बांस पर नहीं किया जा रहा है। इतना ही नही ओपीएम प्रबंधन द्वारा अन्य राज्यों से क्रय किए गए बांस का अभिलेख भी प्रस्तुत नहीं किया है। पत्राचार के बाद भी जब ओपीएम प्रबंधन अपनी हठधर्मिता से बाज नहीं आया तो अब मंडी समिति द्वारा अन्य राज्यों से ओपीएम आने वाले बांस के ट्रकों को जब्त करने की कार्यवाही शुरू की गई है। सचिव बनवासी ने बताया कि इसी से सम्बंधित ओपीएम की एक अन्य याचिका क्रमांक 6757/2007 को भी माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 20 फरवरी 2022 को खारिज कर दिया गया है। इस संबंध में चर्चा करने ओपीएम मिल प्रबंधन से भी चर्चा करने का प्रयास किया गया लेकिन किसी अधिकृत अधिकारी से बात नही हो सकी।

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