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विधानसभा अध्यक्ष के लिए विपक्ष का मिला साथ
भोपाल । मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और दो उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला के शपथ ग्रहण के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए घोषित नाम नरेंद्र सिंह तोमर को विपक्ष कांग्रेस का साथ मिल गया है। नरेंद्र सिंह तोमर निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने जाएंगे। 20 दिसंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष का चयन होगा।
बता दें कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिए रखा है। 20 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चयन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके पहले ही प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने उन्हें समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इससे विधानसभा अध्यक्ष के लिए निर्वाचन का प्रक्रिया नहीं होगी। वे निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाएंगे। विपक्ष की इस भूमिका की पूरे प्रदेश में सराहना हो रही है, क्यों कि कांग्रेस के पास अपना अध्यक्ष बनाने के लिए सदस्यों की संख्या नहीं है।
उपाध्यक्ष को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं
उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलेगा या नहीं, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। दरअसल, 15वीं विधानसभा में अध्यक्ष के निर्वाचन के समय कांग्रेस और भाजपा के बीच मतभेद हो गए थे। भाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार उतार दिया था। चुनाव में कांग्रेस के एनपी प्रजापति विजयी हुए थे, लेकिन इसके बाद उपाध्यक्ष का पद भी कांग्रेस ने विपक्ष को नहीं दिया। लांजी से विधायक रहीं हिना कांवरे को उपाध्यक्ष बनाया था। मार्च 2020 में जब सत्ता परिवर्तन हुआ तो कांग्रेस ने यह पद परंपरा के अनुसार विपक्ष को देने की बात उठाई पर सरकार ने कांग्रेस पर परंपरा को तोडऩे का आरोप लगाते हुए पद नहीं दिया और स्वयं भी किसी को उपाध्यक्ष नियुक्त नहीं कर पाई। अब देखना यह है कि इस बार भी उपाध्यक्ष का पद बहुमत के आधार पर सत्तापक्ष अपने पास रखता है या फिर परंपरा का पालन करते हुए विपक्ष को देता है।