Uncategorized

पुलिसिया बर्बरता, जेल से बाहर आते ही संविदा स्वास्थ्यकर्मी लकवाग्रस्त, सिर में भी गंभीर चोट

संविदा स्वास्थ्य कर्मियों का हड़ताल 12वें दिन भी जारी,

  कस्टडी में मारपीट के कारण स्वास्थ्यकर्मी दीपक सक्सेना लकवाग्रस्त
भोपाल । मध्य प्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों की हड़ताल 12 वें दिन भी जारी रही। हड़ताल की वजह से प्रदेश के 30 से अधिक जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं पिछले दो हफ्ते से ठप्प हैं। इधर भोपाल पुलिस द्वारा मारपीट के कारण संविदा स्वास्थ्यकर्मी दीपक सक्सेना लकवाग्रस्त हो गए हैं। डॉक्टरों ने बताया कि सक्सेना के सिर में भी गंभीर चोट आई और शरीर का एक हिस्सा काम करना बंद कर चुका है।
दीपका सक्सेना उन आठ स्वास्थ्यकर्मियों में शामिल हैं, जिन्हें पुलिस ने शनिवार को जेपी हॉस्पिटल से बलपूर्वक गिरफ्तार किया था। हालांकि, चौतरफा विरोध के बाद पुलिस ने अगले दिन यानी रविवार देर शाम उन्हें छोड़ दिया। सक्सेना के साथियों ने बताया कि पुलिस ने कस्टडी के दौरान उनकी बेरहमी से पिटाई की, इस वजह से वह लकवाग्रस्त हो गए। सक्सेना के लकवाग्रस्त होने की सूचना पाकर प्रदेशभर के संविदा सावस्थ्यकर्मी आक्रोशित हो गए हैं। उन्होंने आंदोलन तेज करने की योजना बनाई है। 
संविदाकर्मियों की इस लड़ाई में एनएसयूआई मेडिकल विंग भी सक्रियता से उतर गई है। एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार ने कहा कि जब तक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों का नियमितीकरण कर उनकी जायज मांगों पूरी नहीं की जाएंगे तब तक हड़ताल से कोई भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों नहीं लौटेंगे। उन्होंने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी और एनएसयूआई संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों की नियमितीकरण और अन्य मांगों का समर्थन कर उनके साथ खड़ी है।
सक्सेना के लकवाग्रस्त होने को लेकर परमार ने कहा कि शिवराज सरकार ने तानाशाही की सारी हदें पार कर दी है। जिस तरह से कोरोना योद्धाओं को पीटा गया वह अंग्रेजी हुकूमत की याद दिलाती है। स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के इशारे पर दीपका सक्सेना को थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया। इस घटना के बाद उनके परिवार पर आफत आ गई है। प्रदेश जब कोरोना संकट से जूझ रहा था तब सक्सेना ने अपनी जान की बाजी लगाकर संक्रमित मरीजों की सेवा की। शिवराज सरकार ने मानवता के लिए सक्सेना के इस निस्वार्थ सेवा की ये उपहार दी है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्यमंत्री को शर्म से डूब मरना चाहिए।
रवि परमार ने मांग करते हुए कहा कि सरकार दीपक सक्सेना की इलाज का व्यवस्था करे और पीड़ित परिवार को मुआवजा दे। परमार ने बताया कि सक्सेना के साथ हुई बर्बरता का मुद्दा एनएसयूआई मेडिकल विंग मानवाधिकार आयोग के समक्ष उठाएगी। साथ ही जरूरत पड़ने पर आरोपी पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए न्यायालय में प्राइवेट कंप्लेंट फाइल करेगी।

Related Articles