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बृजभूषण सिंह के घर लगे पोस्टर- दबदबा तो है, दबदबा तो रहेगा

नई दिल्ली ।  यौन शोषण के आरोपों के बाद विवादों में आए भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के खासमखास संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। उन्होंने स्वर्ण पदक विजेता अनिता श्योराण को हराया है। यूपी कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय को 40 जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी और राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता अनिता श्योराण को सिर्फ सात मत मिले। शानदार जीत के बाद जहां बृजभूषण के बेटे प्रतीक भूषण सिंह ने एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की तो वहीं अब बृजभूषण शरण सिंह के बाहर लगे पोस्टर में लिखा है- दबदबा तो है दबदबा तो रहेगा। ये तो भगवान ने दे रखा है।

संजय ने चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘यह देश के हजारों पहलवानों की जीत है जिन्हें पिछले सात से आठ महीनों में नुकसान उठाना पड़ा है।’ अनिता का पैनल हालांकि महासचिव पद अपने नाम करने में सफल रहा जब प्रेम चंद लोचब ने दर्शन लाल को हराया। रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड के पूर्व सचिव लोचब ने 27-19 से जीत दर्ज की. राष्ट्रीय राजमार्ग पर ‘फूड ज्वाइंट्स की चेन’ चलाने वाले और प्रदर्शनकारी पहलवानों के करीबी माने जाने वाले देवेंद्र सिंह कादियान ने आईडी नानावटी को 32-15 से हराकर वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया।
संजय सिंह मूल रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के रहने वाले हैं। इस समय वो वाराणसी में अपने परिवार के साथ रहते हैं। संजय सिंह बबलू पिछले डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय से कुश्ती संघ से जुड़े हैं और बृजभूषण शरण सिंह के काफी नजदीकी माने जाते हैं। वो 2008 से ही वाराणसी कुश्ती संघ के जिला अध्यक्ष हैं। संजय सिंह बबलू का 2009 में प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष के रूप में चयन हुआ था। अनीता श्योराण को बृजभूषण शरण सिंह का विरोधी माना जाता है। वह हरियाणा के भिवानी जिले की रहने वाली हैं। अनीता ने पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में भी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ भी गवाही दी थी। अनीता कुश्ती के मैदान में भी बड़ी सफलता हासिल कर चुकी हैं, उन्होंने 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। अगर अनीता श्योराण ये चुनाव जीततीं, तो वो पहली महिला पहलवान होतीं।

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