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पुरानी पेंशन विहीन कर्मचारियों की विकासखंड मुख्यालय पर आक्रोश रैली एवं ज्ञापन

      भोपाल । आज प्रदेश भर में राष्ट्रीय पेंशन बहाली आंदोलन (एनएमओपीएस) और सहयोगी संगठन द्वारा प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता के साथ पुरानी पेंशन बहाली हेतु मध्य प्रदेश के संपूर्ण ब्लॉक मुख्यालय पर आक्रोश रैली निकालकर प्रदेश सरकार ज्ञापन सौंपा जा रहा है।विगत दिनों मध्यप्रदेश के विधानसभा के पटल पर माननीय वित्त मंत्री द्वारा यह कहा गया कि कर्मचारियों का पुरानी पेंशन से संबंधित मांग पत्र प्राप्त होते ही उस पर विचार किया जाएगा।  जिससे प्रदेश का 6:30 लाख पुरानी पेंशन विहीन कर्मचारी आक्रोशित महसूस कर रहा है जिसकी विभिन्न स्तर पर एनएमओपीएस एमपी और सहयोगी संगठनों द्वारा विधिवत ज्ञापन के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली की मांग शासन प्रशासन को कई बार को सौंप चुका है वित्तमंत्री का विधानसभा में ये कहना की पुरानी पेंशन हेतु हमे कोई ज्ञापन नही प्रेषित किया गया ।

 उसी से आक्रोशित होकर एनएमओपीएस एमपी एवं सहयोगी संगठनों द्वारा पुनः 26 मार्च को मध्य प्रदेश के 313 विकासखंड मुख्यालय पर आक्रोश रैली एवं ज्ञापन सौंपा गया है। विकासखंड स्तर पर श्रीमान अनुविभागीय अधिकारी या तहसीलदार महोदय को ज्ञापन सौंपा जाएगा जो महामहिम राज्यपाल मध्यप्रदेश माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन भोपाल एवं श्रीमान प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन भोपाल को संबोधित होगा। 
ज्ञापन के माध्यम से पुनः मध्यप्रदेश शासन से समस्त पुरानी पेंशन विहीन कर्मचारी मुख्य मांग *प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवा अवधि की गणना के साथ पुरानी पेंशन बहाल की जाए एवं वरिष्ठता का लाभ क्रमोन्नति, पदोन्नति एवं ग्रेच्युटी में भी दिया जाए*
30-40 साल तक सेवा करने वाला कर्मचारी जब सेवानिवृत्त होता हैं तो शासन का दायित्व बनता है कि वे सेवानिवृत्त कर्मचारी के सामाजिक दायित्व का निर्वहन करें। घटना दुर्घटना में यदि कोई कर्मचारी दिवंगत या दिव्यांग हो जाता है तो उस कर्मचारी के परिवार के भरण-पोषण का दायित्व भी शासन का होना चाहिए। इसलिए पारिवारिक पेंशन भी शासन द्वारा लागू किया जाना चाहिए। 
       विशेष तौर पर नवीन शैक्षणिक संवर्ग जिसकी सबसे गंभीर समस्या वरिष्ठता को लेकर है। नवीन शैक्षणिक संवर्ग स्वीकार करते ही मध्यप्रदेश शासन ने उनकी सेवा अवधि की गणना 1 जुलाई 2018 से करना प्रारंभ कर दिया है जो किसी शासकीय कर्मचारी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। नवीन शैक्षणिक संवर्ग की प्रमुख मांग प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता है। जिससे शासन पर कोई आर्थिक भार नहीं आ रहा है। इसे मध्यप्रदेश शासन ने अभिलंब मान लेना चाहिए। एनएमओपीएस एमपी एवं सहयोगी संगठनों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग रखी है कि 
*शासकीय कर्मचारी के अलावा स्वशासी संस्थाओं एवं स्थानीय निकाय के कर्मचारियों को भी प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवा अवधि की गणना कर पुरानी पेंशन बहाली का लाभ दिया जाए*।
*Nmops के राष्ट्रव्यापी आगामी कार्यक्रम* 
      राज्य मीडिया प्रभारी हीरानंद नरवरिया द्वारा बताया गया की यदि शासन हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो *16 अप्रैल को सम्पूर्ण भारत वर्ष के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर पेंशन अधिकार संवैधानिक मार्च* निकाला जाएगा एवं श्रीमान कलेक्टर महोदय के माध्यम से पुनः महामहिम राष्ट्रपति माननीय प्रधानमंत्री भारत शासन दिल्ली 
ज्ञापन सौंपा जाएगा।
 जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते जा रही है वैसे-वैसे कर्मचारियों का आक्रोश शासन की नीतियों के विरुद्ध बढ़ता जा रहा है। 1 जून 2023 से संपूर्ण राष्ट्र में पेंशन रथयात्रा राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु जी के नेतृत्व में निकाली जाएगी। जो कश्मीर और कन्याकुमारी से शुरू होगी पेंशन रथयात्रा के माध्यम से एनएमओपीएस पुरानी पेंशन बहाली को जन आंदोलन बनाएगा। इस यात्रा के माध्यम से हम समाज के सभी तबकों के पास जाएंगे विशेष तौर पर उन युवकों के पास जो शासकीय सेवा की तैयारी कर रहे है।
*1 अगस्त से 9 अगस्त के बीच देश के समस्त सांसदों के आवास का घेराव कर घंटी बजाओ* आंदोलन के माध्यम से केंद्र सरकार को चेताया जाएगा। *1 अक्टूबर को नई दिल्ली में पेंशन शंखनाद महारैली का आयोजन होगा जिसमें 15 लाख कर्मचारीयों के शामिल होने का लक्ष्य रखा गया है*। 
 आज प्रदेश अध्यक्ष परमानंद देहरिया ने मुंगवाली में धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा की जिस प्रकार राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, पंजाब और झारखंड द्वारा पुरानी पेंशन बहाल कर दी गई है और कुछ प्रदेश पुरानी पेंशन बहाली के राह पर हैं उसे देखते हुए बेहतर होगा कि स्वयं केंद्र सरकार पहल करते हुए पुरानी पेंशन बहाल कर दे ताकि बीजेपी शासित प्रदेशों को पुरानी पेंशन बहाली करने में किसी प्रकार की दुविधा ना हो।
ट्रायबल वेलफेयर टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डी के सिंगार ने मंडला में धरना को संबोधित किया उन्होंने कहा की कर्मचारी इस बार वोट फॉर ओपीएस के लिए संकल्पित है। 
कर्मचारियों ने संकल्प लिया है कि जो पुरानी पेंशन बहाली की बात करेगा कर्मचारी अपना वोट सपरिवार, रिश्तेदारों सहित उसी राजनीतिक दल को देगा।किसी भी सरकार को अधिकार नहीं है कि सेवानिवृत्ति पश्चात् कर्मचारी को अपमानजनक बुढ़ापा काटने के लिए बाध्य किया जाए।यह अव्यवहारिक होगा की सेवानिवृत्ति पर नेशनल पेंशन स्कीम धारी कर्मचारी 500-800-1000 रुपए पेंशन राशि पर जीवन यापन के लिए बाध्य हो। कर्मचारियों की जमा पूंजी शेयर बाजार के हवाले नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत की जा रही है।शेयर बाजार में उतार चढ़ाव होते रहते हैं। कर्मचारी सेवानिवृत्त पर किसी प्रकार का खतरा मोल लेना नहीं चाहता इसलिए नेशनल पेंशन स्कीम अविलंब बंद कर देश में पूर्व प्रचलित पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
     

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