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रानी पद्मावती को शौर्य और पवित्रता के लिए पद्मिनी भी कहा जाता है

 पानी पद्मावती का संछिप्त जीवन परिचय

राजपूतों की प्रसिद्ध रानी है जिन्हें आज भी शौर्य और पवित्रता

के लिए याद किया जाता है। उनको पदमिनी भी कहा जाता है कि सेनापति मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा लिखित पुस्तक पद्मावत में उनके बारे में स्पष्ट उल्लेख है कि राजपूतों की रानी बनने के पहले रानी पद्मावती सिंघल प्रदेश की राजकुमारी थी और बाजूने सुदरी एवम युद्ध कौशल में निपुण थी उनकी सुंदरता के बारे में यहां तक कहा जाता है कि रानी पद्मावती जब पान खाती थी तो वह उनकी गले में स्पष्ट दिखाई देता या राजकुमारी पदमी के पिता एवं सिंघल प्रदेश के राजा ने उनके विवाह लिए स्वयंवर का आयोजन किया तथा चिवड़ के राजा रावल रतन सिंह ने स्वयंवर को जीत कर पदमिनी से विवाह किया राजा रतन सिंह से विवाह करने के पश्चात पद्मनी रानी पद्मावती के रूप में चित्तौड़ पहुंची वहां सभी लोग उनकी सुंदरता और शस्त्र कौशल से आश्चर्यचकित हो गए

• रानी पद्मावती और राजा रतन सिंह के वैवाहिक जीवन सुखमय था एक दिन राजा रतन सिंह ने राघव चेतन नाम के एक पुरोहित को राजद्रोह के आरोप में देश निकाला कर दिया जिस कारण राघव चेतन ने राजा रतन सिंह से बदला लेने के लिए दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन

खिलजी से हाथ मिलाया और अलाउद्दीन खिलजी से रानी पद्मावती की सुंदरता के बारे में कई तरह का वर्णन किया जिससे रानी पद्मावती की सुंदरता पर मोहित होकर खिलजी उनको देखने के लिए चितौड़ आ गया अलाउद्दीन खिलजी से मिलने के लिए पहले राजा रतन सिंह और रानी पद्मावती तैयार नहीं थे लेकिन यह तुच्छ कारण के लिए युद्ध ना हो इसलिए रानी पद्मावती उसे अपनी परछाई कमल के तालाब में दिखाने के लिए सहमत हो गई

● रानी पद्मावती की परछाई में खूबसूरती देखकर अलाउद्दीन खिलजी ने उन्हें पाने के लिए

चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया तथा धोखे से राजा रतन सिंह को बंदी बना उनकी हत्या कर दी अपने राज्य की हार देखकर अपने राजपूताना संस्कृति की आन बान शान को अक्षुण्ण रखने के लिए रानी पद्मावती ने जौहर करने का फैसला लिया जब तक अल्लाउद्दीन दुर्ग तक पहुंचता, उससे पहले ही रानी पद्मावती ने हजारों राजपूत महिलाओं के साथ विशाल अग्निकुंड में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए तथा वीरता और त्याग का अप्रतिम उदहारण पेश किया। रानी पद्मावती के सम्मान में माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी ने उनकी एक प्रतिमा भोपाल के मनुआ भान टेकरी में लगाने की घोषणा की थी तथा भूमिपूजन किया था

• रानी पद्मावती की धातु से बनी 15 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा की स्थापना मनुआ भान टेकरी पर

प्रस्तावित भारत माता परिसर के समीप की गई है • प्रतिमा निर्माण लागत लगभग 35 लाख रुपये है

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