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सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर लग रहे सवालिया निशान

ग्राम पंचायत की स्वीकृति बगैर हो रही मुरम की खुदाई

टीकमगढ़ । बेहतर आवागमन सुविधा को लेकर निर्माण हो रहो रहीं सड़कों की गुणवत्ता की निगरानी नहीं होने की वजह से ठेकेदारों द्वारा मनमाने तरीके से सड़को का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसका ताजा उदाहरण टीकमगढ़ अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत अस्तौन में दो सड़क निर्माण कार्य को देखकर स्वत: ही लगाया जा सकता है। 
जिला मुख्यालय की तहसील अंतर्गत आने वाली ललितपुर मार्ग पर स्िथत ग्राम पंचायत अस्तौन में दो सड़कों का निर्माण कार्य विधानसभा चुनाव के पूर्व स्वीकृत हुआ था। जिसका भूिमपूजन 19 जुलाई 2023 को आनन-फानन में तत्कालीन प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग के मुख्य आतिथ्य में किया गया था। इस कार्यक्रमें जिला पंचायत अध्यक्ष उिमता सिंह, तत्कालीन विधायक टीकमगढ़, भाजपा जिलाध्यक्ष अमित नुना, जनपद अध्यक्ष, कुण्डेश्वर भाजपा मण्डल अध्यक्ष एवं ग्राम पंचायत की सरपंच मौजूद थीं। इस कार्य में एक सड़क अस्तौन से घाट खिरिया तक डाली जाना है। जिसकी लंबाई 5.25 िकमी एवं स्वीकृत रािश 5.11 करोड़ बताई जा रही है। इसके अलावा दूसरी सड़क अस्तौन से हरिसिंह जू बाबा तक डाली जाना है जिसकी लंबाई 5.5 किमी एवं स्वीकृत राशि 5.02 करोड़ होना बताया जा रहा है। इस कार्य में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शासन द्वारा तय की गई गाईड लाईन अनुसार जितने भी सड़क निर्माझा के कार्य किए जाते है उसके लिए ठेकेदार को मुरम खुदाई करने के लिए संबंधित पंचायत की अनुमति लेका लीज कराने का प्रावधान है। मगर इस कार्य में ठेकेदार को ग्राम पंचायत अस्तौन ने मुरम खुदाई की स्वीकृति नहीं दी है। मुरम‍ खुदाई कार्य तालाब के पास से चल रहा है। जहां पहले से सिंचाई विभाग द्वारा वेस्टवीयर निर्माणाधीन है जबकि वेस्टवीयर इसलिए बनाया जाता है कि तालाब में अगर पानी ज्यादा होता है तो वह वेस्टवीयर के माध्यम से निकाला जा सके। मुरम खुदाई के कारण वेस्टवीयर को ठेकेदार ने अनुपयोगी साबित करके रख दिया है। ग्रामीण सड़क निर्माण के कार्य में उपयोग हो रही मुरम की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
क्या है मापदंड : सड़क निर्माण में मुरम उपयोग होने से पूर्व उसकी गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट होना अनिवार्य है। जिसके आधार पर मुरम की प्लास्टीसिटी इंडेक्स एवं लोड वियरिंग कैपीसिटी का िनर्धारण करना मापदंड है। इसके अलावा खदान की स्वीकृति सड़क निर्माण में उपयोग होने वाली मुरम की मात्रा अनुसार तय होनी चाहिए। जिसकी खुदाई की गहराई के भी मापदंड शासन द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। साथ ही सड़क किनारे लगे पेड़ों की कटाई के संबंध में ग्राम पंचायत से स्वीकृति हुई या नहीं यह भी एक जांच का विषय है।
तकनीकि अधिकारियों ने नहीं की मॉनिटरिंग : अस्तौन के ग्रामीणों ने सड़क निर्माण एजेंसी के तकनीकि अधिकारियों के द्वारा मॉनिटरिंग नहीं किए जाने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि लोक निर्माण विभाग एवं संबंधित ठेकेदार की मिली भगत से घटित निर्माण कार्य किया जा रहा है। सड़क निर्माण के पूर्व जनसामान्य एवं जानकारी पारदर्शिता करने के लिए यह जरूरी हो जाता है कि निर्माण एजेंसी द्वारा सड़क संबंधी सामान्य जानकारियों के साथ-साथ उसमें व्यय होने वाली राशि के संबंध में कोई साईन बोर्ड लगाया जाए। ताकि लोगाें को कार्य से संबंधित सारी जानकारी सुलभ उपलब्ध हो जाए। मगर अस्तौन ग्राम में चल रहे सड़क निर्माझा कार्य में कोई भी साईन बोर्ड नहीं लगाया गया है। नियमानुसार मुरम डालने के बाद रोजाना सुबह-शाम सड़क पर पानी का छिड़काव होना अनिवार्य है ताकि डस्ट न उड़े और लोग बीमारी का शिकार न हो सकें। लोगों ने बताया कि जबसे मुरम डली है तभी से उस मार्ग पर एक भी दिन पानी का छिड़काव नहीं किया गया। साईन बोर्ड न लगने की वजह से ग्रामीणों को इस बात की जानकारी नहीं है कि किस विभाग और किस ठेकेदार द्वारा उक्त सड़क निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। जबकि कार्य दो माह पहले प्रारंभ हो चुका था। मगर अभी कुछ दिनों से बंद चल रहा है। अस्तौन के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अपेक्षा व्यक्त करते हुए कहा कि सड़क का निर्माण कार्य गुणवत्ता पूर्ण तरीके से कराया जाए इसके लिए वर्तमान में हुए कार्य की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएग कि मापदंड अनुसार यह कार्य पूर्ण किया जाए।
इनका कहना है : मुझे आपके द्वारा अस्तौन ग्राम में चल रहे काम में अनियमितताओं की जानकारी मिली है। हालांकि उक्त कार्य नियमानुसार कराया जा रहा है। फिर भी मैं एसडीओ को भेजकर मौका मुआयना करवाकर वहां की रिपोर्ट तैयार करूंगा। अगर जरूरत पड़ी तो मैं स्वयं मौके पर जाकर सारे निर्माण कार्य की बारीकी से जांच करूंगा।
– इन्द्रकुमार शुक्ला, ईई, लोक

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