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गजवा ए हिन्द को लेकर मध्यप्रदेश सहित तीन राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी,

Gwalior: मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में गजवा ए हिंद के मॉड्यूल मामले में NIA ने ग्वालियर में एक संदिग्ध से पूछताछ की है। NIA की टीम अल सुबह ग्वालियर के बहोड़ापुर इलाके में पहुंची, यहां रहने वाले एक संदिग्ध से पूछताछ की है।

गजवा ए हिंद के माडयूल को लेकर नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी की एक टीम ने ग्वालियर में भी छापा मारा। यहां बहोड़ापुर क्षेत्र में एक संदिग्ध से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की गई। अभी तक की जानकारी के अनुसार, बिहार में गजवा ए हिंद मॉड्यूल से जुड़े कुछ लोग पहले पकड़े गए थे। उनसे इंटरनेट और काल के जरिए ग्वालियर के बहोड़ापुर क्षेत्र में रहने वाले एक युवक के भी जुड़े होने की सूचना थी, जिसके तहत ग्वालियर भी टीम पहुंची और संदिग्ध युवक से पूछताछ की गई।
एनआईए की टीम बुधवार शाम को ग्वालियर पहुंच गई थी। इसके बाद ग्वालियर पुलिस से संपर्क किया। गुरुवार सुबह बहोड़ापुर थाने के फ़ोर्स के साथ टीम संदिग्ध युवक के घर पहुंची। यहां करीब तीन घंटे तक पूछताछ की गई, इसके बाद टीम रवाना हो गई। युवक की गिरफ़्तारी को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
एनआईए ने जारी किया बयान…
एनआईए द्वारा जारी बयान के अनसुार, जुलाई 2022 के ‘गजवा-ए-हिंद’ मामले में अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए, NIA ने आज तीन राज्यों में आठ संदिग्धों के घरों पर छापे मारे और तलाशी ली, जिसमें नागपुर (महाराष्ट्र) में चार स्थान और ग्वालियर एक-एक स्थान शामिल है। मध्यप्रदेश और गुजरात के वलसाड, सूरत और बोटाड जिले। डिजिटल उपकरणों (मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड) और दस्तावेजों सहित आपत्तिजनक सामग्री जप्त की गई है। जुलाई 2022 में थाना फुलवारी शरीफ में पाकिस्तान से संचालित और नियंत्रित गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। एक पाकिस्तानी नागरिक द्वारा शुरू किए गए व्हाट्सएप ग्रुप ‘गज़वा-ए-हिंद’ के एडमिन मरघूब अहमद दानिश ताहिर को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। मरघूब ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और बीआईपी मैसेंजर सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘गजवा-ए-हिंद’ समूह बनाए थे। उन्होंने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए एक समर्पित व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था, जिसका शीर्षक -‘BDGhazwa E HindBD’ था।
मरघूब ने इन समूहों में भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन के कई लोगों को जोड़ा था। मॉड्यूल का उद्देश्य प्रभावशाली भारतीय युवाओं को भारत की विजय के अंतिम उद्देश्य-‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ के साथ कट्टरपंथी बनाना था। इस समूह के सदस्यों को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ‘स्लीपर सेल’ में बदलने के उद्देश्य से कट्टरपंथी बनाया जा रहा था। एनआईए ने जनवरी 2023 में मरघूब अहमद दानिश के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी और आरसी-32/2022/एनआईए-डीएलआई में अपनी जांच जारी रखी थी।
क्या है गजवा-ए-हिंद…
इस्लाम में गजवा-ए-हिंद का अर्थ सामान्य तौर पर पहले काफ़िरों को जीतने के लिए किए गए युद्ध के लिए किया जाता था। युद्ध को गजवा भी कहा जाता है। काफिरों के खिलाफ जीते गए युद्ध में विजयी को गाज़ी कहा जाता है। जब इस्लाम को भारत वर्ष में फैलाने को कोशिश की गई थी, तब इसके लिए गजवा-ए-हिंद शब्द का प्रयोग किया गया था। 

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