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मप्र में आधा दर्जन भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट अटके

20 लाख युवाओं का भविष्य अंधकार में

भोपाल । मध्य प्रदेश में सरकारी भर्ती की आधा दर्जन परीक्षाओं के रिजल्ट अटके है तो कई परीक्षाओं की प्रक्रिया ही आगे नहीं बढ़ रही है। इसे प्रदेश के प्रतियोगिती परीक्षा की तैयारी करने वाले बेरोजगार युवा परेशान है। वहीं, कई प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रक्रिया आगे नहीं बढऩे कई युवा असमंजस में है। उनके सामने संकट की है कि अब वह तैयारी करें या बढ़ती उम्र के चलते कोई रोजगार की तलाश करें।
दरअसल, पटवारी भर्ती परीक्षा सवालों के घेरे में आने के बाद ईसीबी ने छह परीक्षाओं के रिजल्ट रोक दिए हैं। इससे इन परीक्षाओं में शामिल 20 लाख युवा परेशान हैं। ये बेरोजगार युवा आठ-आठ महीने से भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। युवाओं को उम्मीद थी कि नई सरकार बनने के बाद कर्मचारी चयन मंडल भर्ती परीक्षाओं के रुके हुए रिजल्ट जारी करेगा, पर ऐसा नहीं हुआ। परीक्षाओं में शामिल हुए युवाओं का कहना है कि मार्च में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी और फिर इसके नाम पर रिजल्ट तीन महीने के लिए रोक दिए जाएंगे, इसलिए कर्मचारी चयन मंडल को भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट तत्काल जारी करना चाहिए ।वहीं अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग विनोद कुमार का कहना है कि पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच के लिए बनाई गई कमेटी ने अभी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उसके तथ्यों के आधार पर सरकार आगे कार्रवाई करेगी।
इन परीक्षाओं के रिजल्ट जारी नहीं हुए
कर्मचारी सर्विस बोर्ड (ईएसबी) मध्य प्रदेश द्वारा मई एवं जून 2023 में वन रक्षक, जून 2023 में ग्रुप-5, जुलाई 2023 में ग्रुप-4, जुलाई 2023 में ग्रुप-1 सब ग्रुप 1, अगस्त 2023 में एचएसटी एसटी वर्ग-1, अगस्त 2023 में पुलिस कांस्टेबल परीक्षा आयोजित की गई। इन परीक्षाओं के अब तक परिणाम घोषित नहीं किए गए। दरअसल, कर्मचारी चयन मंडल ने पटवारी के करीब नौ हजार पदों के लिए पिछले साल मार्च-अप्रैल में भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। परीक्षा परिणाम गत जुलाई में घोषित किया गया था। परीक्षा में घोटाले के आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया था। इसे देखते हुए तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। उन्होंने कर्मचारी चयन मंडल की ओर से आयोजित ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) और पटवारी भर्ती परीक्षा में अनियमितता की जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस राजेंद्र कुमार वर्मा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। कमेटी गठित करते हुए उन्होंने कहा था, जांच के निष्कर्षों के आधार पर उचित सिफारिशें 31 अगस्त, 2023 तक राज्य सरकार को प्रस्तुत की जाएंगी। कमेटी की ओर से क्लीन चिट मिलने के बाद ही नियुक्तियां की जाएंगी। रिपोर्ट प्रस्तुत करने की निर्धारित तारीख के पांच महीने बीतने के बाद भी कमेटी ने शासन को रिपोर्ट नहीं सौंपी है। सूत्रों का कहना है कि कमेटी का कार्यकाल 31 जनवरी, 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। पटवारी भर्ती परीक्षा की जांच के लिए कमेटी बनाने का असर यह हुआ की ईसीबी ने अन्य आधा दर्जन परीक्षाओं के रिजल्ट रोक दिए हैं।
आचार सहिता के कारण रूके थे रिजल्ट
कर्मचारी चयन मंडल के अधिकारियों का कहना है कि विधानसभा चुनाव आचार संहिता के कारण रिजल्ट जारी नहीं किए गए। रिजल्ट जल्द जारी करने को लेकर विचार-मंथन चल रहा है। ईएसबी ने पिछले साल मार्च-अप्रैल में ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) और पटवारी भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। पटवारी परीक्षा में दस में से सात टॉपर एक केंद्र ग्वालियर स्थित एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में बने परीक्षा केंद्र से निकले। चार टॉपर मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील से थे। इन टॉपर सात अभ्यर्थियों ने कुल 200 अंकों वाली परीक्षा में 174.88 से लेकर 183.86 तक अंक हासिल किए। हस्ताक्षर कॉलम में पांच अभ्यर्थियों ने सिर्फ अपना नाम लिखा था। इस परीक्षा केंद्र के 114 अभ्यर्थियों का परीक्षा में चयन हुआ था। यह कॉलेज पूर्व बसपा विधायक (बाद में भाजपा में शामिल) संजीव सिंह कुशवाह का है। परीक्षा में शामिल लाखो अभ्यर्थियों ने परीक्षा परिणाम पर सवाल उठाते हुए भोपाल, इंदौर सहित अन्य जिलों में विरोध प्रदर्शन किया था। इंदौर में विरोध प्रदर्शन में एक लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

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