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रीवा वन विभाग ने शुरू की सेंसर आधारित स्मार्ट प्लांटेशन मॉनिटरिंग

पूरे देश में वन विभाग द्वारा ऐसा पहला प्रयास

भोपाल । वन विभाग प्रतिवर्ष कई स्थानों पर पौधे रोपित करता है पर वन विभाग के कार्य में सबसे बड़ी चुनौती पौधों को जीवित रखने में आती है। अत्याधिक पानी अथवा अधिक विलंब से पानी, ये सभी पौधों के लिए नुकसानदायक होते हैं। प्रतिदिन यह देखते रहना काफी कठिन होता है। इस चुनौती के निराकरण हेतु रीवा वन विभाग ने स्मार्ट सेंसर के उपयोग से पौधारोपण क्षेत्रों में नमी के स्तर की निगरानी शुरू कर दी है। ऐसा करने से रीवा पूरे देश में पहला वनमण्डल बन गया है। इससे प्रारंभिक तौर पर रोपण क्षेत्रों में मिट्टी की नमी की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी।
रीवा डीएफओ एवं आईआईटीयन अनुपम शर्मा यह सेंसर आधारित स्मार्ट प्लांटेशन मॉनिटरिंग को डेवलप किया है। अगर प्रयोग सफल एवं उपयोगी रहा, तो अन्य तरह के सेंसर (जैसे पीएच, उर्वरकता, इत्यादि) भी लगाए जायेंगे। वर्तमान में यह सिस्टम बसामन मामा गौवंश विहार रीवा में वन विभाग द्वारा किए गए ब्लॉक पौधारोपण में, एवं रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर के नगर वन में स्थापित किया गया है।
कैसे काम करता है :
* पूरा सिस्टम सौर ऊर्जा से संचालित रहता है। मतलब, इसके संचालन के लिए बिजली की आवश्यकता नहीं होती।
* सेंसर्स को सैंपल पौधों की जड़ों के पास मिट्टी में स्थापित किया जाता है।
* ये सेंसर्स मिट्टी की नमी की स्थिति डाटा लॉगर में भेजते हैं।
* डाटा लॉगर से नमी की मात्रा की जानकारी इंटरनेट क्लाउड पर जाती है।
* हर घंटे का डाटा रिकॉर्ड होता रहता है।
* इस डाटा को अधिकारी कहीं पर भी, किसी भी समय देख सकते हैं, और आवश्यकता प्रतीत होने पर वन अमले को पौधों की सिंचाई हेतु निर्देशित कर सकते हैं।

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